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________________ धार्मिक द्रव्यके संचालन करनेकी योग्यता दाताओं के नामों के साथ एक विज्ञापनबोर्ड, बारह मास तक, देरासरके बाहर रखने की घोषणा करनी चाहिए / (2) अथवा तो, साधारण बहीखातेमें प्रतिवर्ष रू. 36,000का खर्च है, तो उस निधिके एकत्रीकरणके लिए प्रति एक तिथि सौ रूपये, ऐसी 360 तिथियोंकी सूचि, प्रतिगृह घूमघूमकर तैयार करनी चाहिए / उसका विज्ञापन बोर्ड, योग्य स्थलो पर लगाना चाहिए और प्रतिवर्ष उन दाताओंसे उनकी दानतिथि पुनः निश्चित करनेके लिए प्रार्थना करनी चाहिए / प्रायः कोई भी इन्कार नहीं करेगा, फिर भी यदी किसीका इन्कार हो तो उस तिथिके स्थान पर दूसरे दाताको खोजकर, उस बोर्ड पर केवल पुराने दाताका नाम निकालकर उस स्थान पर नये दाताका नामोल्लेख कराना चाहिए / इस.प्रकार कायमी निधिके बदले एक एक वर्षकी योजना करना अधिक लाभप्रद होगी जहां अनेक निधि-फंड जमा होते हैं, वहाँ गरबड होनेमें भी देर नहीं लगती / (10) ट्रस्टी अत्यंत पापभीरु होना चाहिए / अपने संचालनके समय एक नये पैसेकी भी गोलमाल न हो उसकी सावधानी रखे और अनजाने में हुई गलतीके प्रायश्चित्तके रूपमें प्रतिवर्ष तत्तद् विभागमें अमुक रकम जमा करे / (11) नौकर, पूजारी, मुनीम जैसे कार्यकर्ताओंके प्रति सहानुभूति रखे और मानवतापूर्ण व्यवहार करे / उनके कार्योंकी कद्रदानी करे / अधिकतर काम करानेकी और उचित वेतन न देनेकी जो शोषणपद्धति कई धर्मस्थानोमें जमी हुई है, वह तिरस्करणीय है / .. (12) भवितव्यताके योगानुयोगसे किसी न किसी समय संघमें संघर्ष तो होगा ही / अतः पहलेसे ही ट्रस्टीयों द्वारा सर्वानुमतिसे किसी सुगुरुको ऐसे क्लेशों-संघर्षों के केवल निवारण हेतु लिखित ठराव द्वारा रख लेना चाहिए, जिससे बारबार अदालतोंमें जानेकी मुसीबतें पैदा न हों / .. नहीं, किसी भी महात्माका लवादनामा ट्रस्टमें दर्ज होना ही न चाहिए / ___(13) अपने क्षेत्रमें संयमशील साधु आ पाये उसके लिए अत्यंत जागृति और सक्रियता, प्रत्येक ट्रस्टीको रखनी चाहिए / (14) उपर निर्दिष्ट 'द्रव्यसप्ततिका' 'श्राद्धविधि' 'धर्मसंग्रह' आदि ग्रंथोंके आधार पर, उसे अपने ट्रस्टका संपूर्णतया शास्त्रीय नीति अनुसार संविधान बनाना चाहिए / वह संविधान बहुमत आधारित न बन पाये, उसके लिए
SR No.004379
Book TitleDharmik Vahivat Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekharvijay
PublisherKamal Prakashan
Publication Year1996
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size22 MB
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