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________________ से जब तंग हो जाता है तो वह चिकित्सक की सहायता से मृत्यु पाकर उससे मुक्त हो जाना चाहता हे इसे Slippery Slope भी कहा जाता है। यह एक प्रकार से आत्महत्या ही है जो सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से अनुचित और कानून के विरुद्ध है जीवन का यद्यपि यह एक स्वाभाविक परिणाम है, पर किन्हीं विशेष परिस्थितियों में क्या दूसरे के माध्यम से भी इस परिणाम को प्राप्त किया जा सकता है? यह एक यक्ष प्रश्न है जिस पर सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक और न्यायाधीश समुदाय में मतभेद खड़ा हुआ है। ___ आदिवासी जातियों में मृत्यु को स्वाभाविक न मानकर उसे शत्रु या भूत पिशांचों द्वारा दिया गया अपघात माना जाता है पर पूर्व और पाश्चात्य परम्परा में उसे स्वाभाविक ही कहा जाता है। ग्रीक दार्शनिकों ने तो मृत्यु के बाद पुनर्जन्म होता है या नहीं, इस विषय पर भी काफी विचार किया है। Euthanasia शब्द ग्रीक eu से निष्पन्न हुआ है जिसका अर्थ होता है well और thanatos का तात्पर्य है मृत्यु / यदि शारीरिक और मानसिक बीमारी से रोगी अधिक परेशान हो जाता है तो वह न्यायालय में मृत्यु पाने के लिए निवेदन करता है। यदि न्यायालय उसे स्वीकार करता है तो न्यायाधीश रोगी को विष पिलाने स्वयं आता है। ___ अरिष्टोटल, प्लेटो और डिस्हानर ने आत्महत्या की निन्दा की है और स्वाभाविक मृत्यु को ही सही स्वीकार किया है। कदाचित् Sophokles पहला दार्शनिक है जिसने आत्महत्या को उचित माना है। रोम में उसे Summum Bonum माना जाता रहा, यदि उसका कारण बीमारी, उन्माद या अपमान हो, पर उसे सैनिकों, अपराधियों और दासों के लिए निषिद्ध माना है। लगभग तीसरी शती में ईसाई मत से प्रभावित नियोप्लाटोनिस्टो ने इसका विरोध किया और उसे ईश्वर द्वारा प्रदत्त परिणाम माना। अगस्तायन ने पांचवीं शती में इसे छठे कमांडमेंट Thou shalt not kill का विरोधक माना। तेरहवीं शती में Aquinas ने इसका यह कहकर समर्थन किया कि आत्महत्या करने वाला पश्चात्ताप (Repentance) से वंचित रह जाता है और स्वाभाविक मृत्यु से भी गलत आत्महत्या का विचार है। उन्होंने Summa theolegica में आत्महत्या को पाप और कानूनन विरुद्ध कहा है। Renaissance ने यद्यपि इस परम्परा के विरोध में कुछ नहीं कहा, पर उस पर पुनर्विचार करने का वातावरण अवश्य बनाया। फलतः Thomas More ने Litopia में 1516 में और E. Bacon ने New Atlantis में 1926 में आत्महत्या के पक्ष में अपने तर्क दिये और उसे सही बता दिया। परन्तु 1757 में David Hume ने उन तर्कों का उत्तर देकर आत्महत्या को पुनः स्वीकार कर दिया। 19वीं शती में आत्महत्या पर वैज्ञानिक आधार से विचार किया जाने लगा। 11400 प्राकृतविद्या-जनवरी-दिसम्बर (संयुक्तांक) '2004
SR No.004377
Book TitlePrakrit Vidya Samadhi Visheshank
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKundkund Bharti Trust
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2004
Total Pages224
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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