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________________ श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला-ग्रन्थाङ्कः-७६ श्री महावीर जिनेन्द्राय नमः / तपोमूर्ति पूज्याचार्यदेवश्रीविजयकर्पूरसूरिगुरुभ्योः नमः हालारदेशोद्धारक -पूज्याचार्यदेवश्रीविजयामृतसूरिगुरुभ्यो नमः / आगमसुधासिन्धुः द्वादशमो विभागः श्रुतकेवलि-श्रीमद्भद्रबाहुस्वामि-विचित-नियुक्ति-भाष्यकार-श्रीमन्जिनभद्रगणिक्षमाश्रमण-गुम्फितभाष्योपेत-पञ्चमगणभृत्श्रीमत्सुधर्मस्वामिप्रणीत-श्रीम. दावश्यकसूत्र-पूर्वाचाय गुम्फितभाष्ययुत-श्रुतकेवलिश्रीमद्भद्रबाहुविर ___ चितश्रीमदोघनियुक्ति-सूत्रद्वयात्मकः 卐 ___ संपादकः संशोधकश्च तपोमूर्ति-पूज्याचार्यदेवश्रीमद्विजयकपूरसूरीश्वर-पट्टालङ्कार-हालारदेशोद्धारक कविरत्न-पूज्याचार्यदेवश्रीमद्विजयामृतसूरीश्वर-विनेयः . पंन्यास-श्री-जिनेन्द्रविजय-गणी म प्रकाशिका श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला लाखाबावल-शांतिपुरी (सौराष्ट्र)
SR No.004373
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages226
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_aavashyak, & agam_oghniryukti
File Size23 MB
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