________________ 154] [ भीमदागमसुधासिन्धुः / द्वादशमो विभागा यावए तरुणे / उवगरणगहण असहू व ठावए जाणगं चेगं // 178 / / दूरुट्ठिय खड्डुलए नव भड अगणी य पंत पडिणीए। संघाडेगो धुवकम्मियो व सुराणे नवरि रिक्खा // 171 // जाणंतठिएँ ता एउ वमहीए नत्थि कोइ पडियरइ। अगणाएऽजाणतेसु वावि संघाड धुवकम्मी // 180 // जइ अभासे गमणं दूरे गंतु दुगाउयं पेसे। तेवि असंथरमाणा इंती अहवा विसज्जति // 181 // पढमबियाए गमणं गहणं पडिलेहणा पवेसो उ / काले संघाडेगो वऽसंथरंताण तह चेव // 182 // (भा०) पडमबितियाए गनणं पाहिं ठाणं च चिलिमिणी दोरे। चित्तूण इंति वसहा वसहि पडिलेहिउ पुचि // 94 // वाघाए अगणं मग्गिऊण चिलिमिणि पमजणा वसहे / पत्ताण भिक्खवेलं संघाडेगो परिणयो वा / / 183 // सव्वे वा हिंडंता वसहिं मग्गंति जह व समुयाणं / लद्धे संकलिअनिवेयणं तु तत्थेव उ नियट्टे // 184 / एको धरेइ भाणं एको दोगहवि पवेसए उवहिं / सव्वो उवेइ गच्छो सबालवुड्डाउलो ताहे // 185 // चोयगपुच्छा दोसा मंडलिबंधमि होइ भागमणं / संजमश्रायविराहण वियालगहणे य जे दोसा // 186 // अइभारेण उ इरिग्रं न सोहए कंटगाइ यायाए। भत्तट्ठिय वोसिरिया अइंतु एवं जढा दोसा // 187 // आयरिश्रवयण दोसा दुविहा नियमा उ संजमायाए / वच्चह न तुझ सामी असंखडं मंडलीए वा // 188 // कोऊहल भागमणं संखोभेणं अकंठगमणाई / ते चेव संखडाई वसहिं व न दंति जं वन्नं // 186 // भारेण वेयणाए न पेहए थाणुकंट अायाए। इरियाइ संजमंमि श्र परिगलमाणेण छकाया // 110 // सावयतेणा दुविहा विराहणा जा य उवहिणा उ विणा / तणग्गि-गहणसेवण वियालगमणे इमे दोसा // 111 // पविसणमग्गणठाणे वेसित्थि-दुगुछिए य बोद्धव्वे / सज्झाए संथारे उच्चारे चेव पासवणे // 112 // सावयतेणा