________________ 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎 मी महानिशीथसूत्र :: HENनं 3 5 7 बई सुहा सुतुढे एक्कगाममझाओ। कि देज ? जस्स नियंगे तेलोए एत्तियं पुत्वं // 29 // चम्कनरी लीलाए सुरह सुधैवंपि देव न इ मन्ने / तेण य कमाजयगुरदरिनाम समासे // 30 // (सथलबंधुबग्गस्सन्ति), सोमंता चन्कहरं चक्कहरो सुरवातणं कंखे। इंदो तित्थयरे उग जगस्स जहिरियसुट-लए // 31 // तम्हा जे इंदेहीवि कंस्विज्जइ पगबद्धलम्चे. हिं / अइसाणुराग हिथएहिं उनमें तं न संडेही // 32 // तो सथल देवदाणवगह रिकवसुरिंदचंदमादीणं / तिथि: यरे पुजयरे ते चिथ पावं यणासंति // 33 // तेसि य तिलोजमहियाग धम्मतित्थंकराण जगगुरूगं / भारचणदवच्चणभेदेण उहचणं भणिथं // 34 // भावच्यण चारित्सागुडाणकग्गधोरतवचरणं / / दबच्चण विश्याविरयसीलप्यासक्कारागाही।। 35 // तागीयमा / णं रसेऽत्थे परमत्थे, तंजहा। भाव चणमुगविहारया यदवच्यणं तु जिगपूथा। पटभा जईण दोन्निविगिहीण पटमरिचय सत्था // 36 // एत्थं च गोयमा / केई अमुणियसमयसम्भाव। मोसन्नविहारी पियवासियो अदिपिरलोगयच्या बांए सयंमतीइढिरस सायगारवाश्मुच्छिएरागहोसमोहाहंकार-ममीकारासुपस्बिलो कसिण- ! संजम सद्धम्म परंमुडे नित्यनितिंसनिधिणभकलुणनिक्किचे पावापरणेस्कअभिनिविदबुद्धी एगंतेणे अइचंडरोदकराभिग्गहिए मिच्छहिरिठणी कयसवन्सावज्जजोगपच्चक्रवाणे विप्यमुस्कासेससंगारंभपरिग्गहे। तिविहंतिविहेगं पडियन्न सामाइए य इव्वत्ताए,न भावताए / नाममेव मुंडे अणगारे महबयारी समणे.