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________________ 免莎莎***免免決定免免密免 (8] श्री आगम सुधा सिन्धुः नवमो विभाग: वा आलि पंतं वा विलिंपंतं वा साइज ॥सू०३७॥ जेभिक्यू जावं अजयरेणं भालेबणजाएणं आलिंपित्ता विलिपिता तल्लेण वा घएणवा वसाए वा जवणीएणवा अभोज्नवा मारवेज वा अभंगतं वा मक्वंतं वा साइजद / / सू. 38 // जे भिकम्यू जावनगणीएण वा अभंगेत्ता मकवेत्ता अन्नयरेण धूवशआएण धूजवा पधूवेज वा धुवंतंवा पधूवतं बा साइज ॥सू० 39 // जे भिक्रयू अभ्पणो पाउकिमियंबा कुन्छिकिमियवा भइ गुलिए निवेसिय निवेमियनीहरइ नीहरंतं वा साइज 76 / / सू०४०॥ जे भिक्खू अभ्यशो दीहाभो नहसिहाओ कप्पेजमा संग्वेज. कथ्यंतं वा संठवंतंवा साइज।सू०४१॥ दीहाईअड्डा रोमाईस्०६२॥ बत्थि ॥स्०४३॥ चक्खू / / 4 // करव०॥सू० 45 // मसु॥सू०४६॥ जेभिक्खू अप्पणो देत आसज्जा जवा आघसंत वा पघसंतं वा साइजइ॥सू०४७) जे भिक्यू अप्पणी दंते उच्छोलेज वा पधी एज्जवा उछोलंतं वा पपीयंत वा साइजइ॥ सू०४८ // जे भिक्रयू भप्पणी दंते फुमेजवा एज बा फमंतं वा रयंतं वा साइज // सू०४९जे भिक्खू अप्पणो उहे आमज्जेज वा पमज्जेसवा, एवं मीठे पाथगमो भाणि यब्बोजाव फुमेज वा एज्ज वा // 050-55 // जे भिकरवू अप्पजो दहाई उत्तरीरीमाईकम्पेजवा संवैज्ज बा कभ्यंतंवा सं. ध्वंतं वा साइज॥ सू०५६ // जे भिक्रयू अप्पणो अच्छिपत्ताई जाव साइजस्०५७॥ जे भिक्खू अप्पणी अच्छीणि आमग्वेज वा एवं अच्छीसु पायगमो भाणियब्वी आवरएजवा।। सू०५-६३॥हीहाई मगरीमाइं॥०६४॥ पासरीमाई मध्येज्जया संठवेज्जना कप्तं वा संठबंतं वा साइज्जइ / सू०६५। अभिनव अप्पणो मच्छिमलं ना कण्णमलं वा दन्तमतं वा नहमले बानीह ज्ज वा विसोहेजवाणीहरंतं वा विसोहंतं वा साइज॥ 2066 ने भिक्खू अध्यणी कायाओ सेयं वा जल्लं वा परक वा माल वा जाव साईजाइ॥ ०६७॥जे भिक्रय गाभाणाम दुइज्जमायो FFEREFERRESS
SR No.004370
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nishith, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, agam_dashashrutaskandh, agam_jitkalpa, & agam_panchakalpa_bhashya
File Size7 MB
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