SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 357
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 330 ] / श्रीमदागमसुधासिन्धुः / सप्तमो विभागः वड्डोवड्डी मुहत्ताण 1 मद्धमंडलसंठिई 2 / के ते चिन्नं परियरइ 3 अंतरं किं चरंति य 4 // 6 // उग्गाहइ केवइयं 5, केवतियं च विकंपइ 6 / मंडलाण य संठाणे 7, विक्खंभो 8, अट्ठ पाहुडा // 7 // सूत्रं 4 // छप्पंच य सत्तेव य अट्ट तिन्नि य हवंति पडिवत्ती। पदमस्स पाहुडस्स हवंति एयाउ पडिवत्ती // 8 // सूत्रं 5 // पडिवत्तीयो उदए, तह अत्थमणेसु य / भियघाए कराणकला, मुहुत्ताण गतीति य // 1 // निवखममाणे सिग्घगई पविसंते मंदगईइ य / चुलसीइसयं पुरिसाणं, तेसि च पडिवत्तीयो॥ 10 // उदयम्मि अट्ठ भणिया भेदग्घाए दुवे य पडिवत्ती / चत्तारि मुहुत्तगईए हुति तइयंमि पडिवत्ती // 11 // सूत्रं 6 // श्रावलिय 1 मुहुत्तग्गे 2, एवंभागा य 3 जोगस्सा 4 / कुलाई 5 पुन्नमासी 6 य, सन्निवाए 7 य संठिई 8 // 12 // तार(य)ग्गं च 1 नेता य 10, चंदमग्गत्ति 11 यावरे / देवताण य अज्झयणे. 12, मुहुत्ताणं नामया इय 13 // 13 // दिवसा राइ वुत्ता य 14, तिहि 15 गोत्ता 16 भोयणाणि 17 य / श्राइचचार 18 मासा 11 य, पंच संवच्छरा इय 20 // 14 // जोइसस्स य दाराई 21, नक्खत्तविजएऽविय 22 / दसमे पाहुडे एए, बावीसं पाहुडपाहुडा // 15 // // सूत्रं७॥ता कहं ते वद्धोवद्धी मुहुत्ताणं अाहितेति वदेजा ? ता अट्ठएकूणवीसे मुहुत्तसते सत्तावीसं च सत्तसट्ठिभागे. मुहुत्तस्स अाहितेति वदेज्जा // सूत्रं 8 // ता जया णं सूरिए सव्वभंतरातो मंडलातो सव्वबाहिरं मंडल उपसंकमित्ता चारं चरति सव्वबाहिरातो मंडलातो सबभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरति, एस णं श्रद्धा केवतियं रातिदियग्गेणं श्राहितेत्ति वदेजा ?, ता तिरिण छाव? रातिदियसए रातिंदियग्गेणं श्राहितेति वदेजा // सूत्रं 1 // ता एताए श्रद्धाए सूरिए कति मंडलाइं चरति ?, ता चुलसीयं मंडलसतं चरति, बासीति, मंडलसतं दुक्खुत्तो चरति, तंजहाणिक्खममाणे चेव पवेसमाणे चेव, दुवे य खलु मंडलाई सई चरति,
SR No.004368
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1978
Total Pages532
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_jambudwipapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, & agam_vrushnidasha
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy