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________________ 270 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: सप्तमो विभागः अमावासा भवइ ७।जया णं वेसाही पुरिणमा भवइ तयाणं कत्तिया अमावासा भवइ = | जया णं मग्गसिरी पुरिणमा भवइ तया णं जेट्ठामूली अमावासा भवइ 1 / जया णं जेट्टामूली पुगिणमा भवइ तया णं मग्गसिरी अमावासा भवइ (एवं एएणं अभिलावेणं श्रासोइए चेतिए य कत्तीए वेसाहिए मग्गसिराए जेट्ठामूलीए य) 10 / जया णं पोसी पुगिणमा भवइ तया णं श्रासाठी अमारासा भवइ 11 / जया णं श्रासाढी पुगिणमा भवइ तया णं पोसी अमावासा भवइ 12 // सूत्रं 40 // दममस्स पाहुडस्स सत्तमं पाहुड.. पाहुडं समत्तं // 10-7 // // अथ दशमप्राभृते अष्टमं प्राभृतप्रामृतम् // . ___ता कहं ते नक्खत्तसंठिई श्राहिएति वएजा ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिई णं णक्खत्ते कि संठिए पराणते ? गोयमा ! गोसीसावलिसंठिए पराणत्ते 1 / सवणे काहारसंठिए पराणत्ते 2 / धणिट्ठा संठिए सउणिपलीणगसंठिए 3 / सयभिसया पुप्फोवयारसंठिए 4 / एवं पुवापोट्ठवया अवड्ढवावीसंठिए 5 / एवं उत्तरावि 6 / रेवईणक्खत्ते णावासंठिए 7 / अस्सिणी णक्खत्ते श्रासक्खंधसंठिए = / भरणीणक्खत्ते भगसंठिए 1 / कत्तिया णक्खत्ते छुरघरसंठिए पराणत्ते 10 / रोहिणीणक्खत्ते सगडद्धिसंठिए 11 / मिग्गसिराणक्खत्ते मिगसीसावलिसंठिए 12 / अदाणक्खत्ते रुधिरबिंदुसंठिए 13 / पुणव्वसुणक्खत्ते तुलासंठिए 14 / पुस्से णक्खत्ते वद्धमाणसंठिए 15 / अस्सेसा णक्खत्ते पडागसंटिए 16 / महाणक्खत्ते पागारसंठिए 17 / पुव्वाफग्गुणीणक्खत्ते अद्धपलियंकसंठिए 18 / एवं उत्तरावि 11 / हत्थे णक्खत्ते हत्थसंठिए 20 / चित्ताणक्खत्ते मुहफुल्लसंठिए 21 / साइणक्खत्ते खीलगसंठिए 22 / विसाहा - णक्खत्ते दामणिसंठिए 23 / अणुराहा णक्खत्ते एगावलिसंठिए 24 / जेट्टाणक्खत्ते
SR No.004368
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1978
Total Pages532
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_jambudwipapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, & agam_vrushnidasha
File Size13 MB
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