SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 84
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ // अहम् // श्रीश्रुतस्थविर-विरचितं // श्रीराजप्रश्नीय-सूत्रम् // .. (द्वितीयमुपाङ्गम् ) ते णं काले णं ते णं समए णं यामलकप्पा नाम नयरी होत्थारिद्ध-स्थिमिय-समिद्धा जाव [ पमुइयजण-जाणवया पाइराण-जणमणूसा हल-सयसहस्स-संकिट्ठ-विगिट्ट-लट्ठ-पराणत्तसेउसीमा कुक्कुड-संडेय-गामपउरा उच्छु-जव-सालिकलिना गोमहिस-गवे-लगप्पभूया पायारवंतचेइयजुवइविसिट्ट-सन्निविट्ठबहुला उक्कोडिय-गाय-गठिभेद-तकर--खंडरक्खरहिया खेमा निवदवा सुभिक्खा वीसत्थसुहावासा अणेगकोडि-कोडुबियाइराणणिव्वुत्तसुहा नड-नट्ट जल्ल-मल्ल-मुट्ठिय-वेलंबग-कहग-पवग-लासंग-श्राइक्खगलंख-मंख-तूणइल्ल-तुबवीणिय-अणेगतालाचराणुचरिया श्राराम-उजाणअगड-तलाग-दीहिय-वप्पिणगुणोववेया उव्विद्धविउलगंभीरखात-फलिहा चक्क-गय-मुसंढि-योरोह-सयग्घि-जमल-कवाडघणदुप्पवेसा धणुकुडिल-वंकपागारपरिक्खित्ता कविसीसय-वट्ट-रइय-संठियविरायमाणा अट्टालय-चरिय-दारगोपुर-तोरण-उन्नय-सुविभत्तरायमग्गा छेयायरिय-रइय-दढफलिह-इंदकीला विवणि-वणिच्छित्त-सिप्पिाइराण-निव्वुयसुहा सिंघाडग-तिय-चउक्क-चचरपणियापण-विविह-वसुपरिमंडिया सुरम्मा नरवइ-पविइराण-महिवइपहा अणेग-वर-तुरग-मत्तकुजर-रहपहकर-सीय-संदमाणीपाइराण-जाणजोग्गा विमउल-नवनलिण-सोभियजला पंडुर-वर-भवणपंति महिया उत्ताणय-नयण
SR No.004366
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1977
Total Pages456
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, & agam_jivajivabhigam
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy