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________________ उपाध्याययशाविजयविरचितं णिच्छयो पुण एसो, विष्णेओ गठिभेयकालो उ / एयम्मि विहिसतिपालणा उ आरोग्गमेयाओ // 2 // इहरावि हंदि एयंमि, एस आरोग्गसाइगो चेव / पुग्गलपरियदृद्ध जमूणमेयंमि संसारो // 3 // -उपदेशपदे [432-34] तथा बीजप्राप्तिई पुद्गलपरावर्त्त वीसवीसी मध्ये कहिओ छई यतः ण य एयंमि अणतो, जुज्जइ अस्स णाम कालोत्ति / ऊसप्पिणी अणंता, हुंति जओ एगपरिअट्टे // 1 // [5, 7 ] // 14 // अन्यतीर्थिकसंमत अकरनियमादि कसुंदर शास्त्रि कहिउं छई ते हिंसासक्तनुं मनुष्यत्व सुन्दर, तिम व्यवहारनयाभिप्रायई जाणवु पणि निश्वयथी बेहु बराबरी एहQ कोइक कहई छई ते महा अभिनिवेशी जाणवो, जे माटई मनुष्यत्व निमित्त कारण छई अनइं अकरणनियममते सामान्यधर्मरूप विशेषधर्मन दल छई एहमांहिं घणो अंतर छइं // 15 // "एवं खलु मए चत्तारि पुरिसज्जाया पण्णत्ता–सीलसंपण्णे णाम एगे णो सुयसंपण्णे। सुयसंपण्णे णामं एगे णो सीलसंपण्णे / एगे सीलसंपण्णेवि सुयसंपण्णे वि / एगे णो सुयसंपण्णे णो सीलसंपण्णे / तत्थ णे जे से पढ़मे पुरिसजाए ते ण पुरिसे सीलवं असुयवं / उवरए अवि ण्णायधम्मे एस ण गोयमा मए पुरिसे देसाराहए पण्णत्ते / तत्थ णं जे से दुच्चे पुरिसज्जाए ते असीलवं सुअवं अणुवरए विण्णायधम्मे एस ण गोयमा मए पुरिसे देसेविराहए पण्णत्ते / तत्थ णं जे से तच्चे पुरिसज्जाए से णं पुरिसे सीलवं सुयवं उवरए विण्णायधम्मे एस णं गोयमा मए पुरिसे सव्वाराहए पण्णत्ते / तत्थ णं जे से चउत्थे पुरिसज्जाए से ण पुरिसे असीलवं असुयवं अणुवरए अविण्णायधम्मे एस णं गोयमा ! मए सव्वविराहए पण्णत्ते"[८, 10] भगवतीसूत्रमध्ये ए चउभंगी कहि छइं-तिहां प्रथमभंगस्वामो वृत्तिकारिं, बालतपस्वी अथवा गीतार्थानिश्रित अगीतार्थ फलाव्यो छई, ते कथंचित् मार्गानुसारि पणि संभवई, अनइ कोइक कहइ छइ जे-अभव्यादिक जैन क्रियापरायण देशाराधक जाणवो, ते जूदु जाणवं जे मार्टि औदयिक अराधकपणुं इहां गणिउं नथी, ते गणिउं होय तो अभव्यनइ श्रुतसामायिक लेईनइ सर्वाधिकपणुं थइ जाई, बीजं प्रत्येकि अंशसत्ता होई, तो समुदाइं सर्वसत्ता थाई ते माटि-मार्गानुसारिनई केवल क्रियाइ मोक्षनी अंशसत्ता, ए भांगइ जणावी जाणवी, यत उक्तं विशेषावश्यके 1. अर्थात् टीकाकारे /
SR No.004308
Book TitleNavgranthi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashodevsuri
PublisherYashobharti Jain Prakashan Samiti
Publication Year1981
Total Pages320
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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