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________________ 457 2 / 10 2 / 17 3 / 12 3114 4 // 5 4 // 6 खण्ड २,प्रकरण : 7 . उपमा और दृष्टान्त नागो मंगामसीसे वा पंकभूया उ घयसित्तव्व पावए महासुक्का व दिप्पन्ता दीवप्पणदेव भारुण्डपक्खी च आसे जहा सिक्खियवम्मधारी दुहओ मलं संचिणइ, सिसुणागु व मट्टियं धुत्ते व कलिना जिए पक्खी पत्तं समादाय कुसग्गमेत्ता बज्झई मच्छिया व खेलंमि तरन्ति अतरं वणिया व निज्जाइ उदगं व थलाओ आसीविसोवमा अबले जह भारवाहए आसे जवेण पवरे जहाइण्णसमारूढे जहा करेणुपरिकिण्णे, कुंजरे सट्ठिहायणे वसहे. जूहाहिवई सीहे मियाण पवरे .. अप्पडिहयबले जोहे जहा से चाउरन्ते चक्कवट्टी महिड्ढिए जहा से सहस्सखे, वज्जपाणी पुरन्दरे जहा से तिमिरविद्धंसे, उत्तिटुन्ते दिवायरे जहा से उडुवई चन्दे जहा से सामाइयाणं कोट्रागारे जहा सा दुमाण पवरा, जम्बू नाम सुदंसणा जहा सा नईण पवरा जहा से नगाण पवरे, सुमहं मन्दरे गिरी जहा से सयंभूरमणे समुद्दगम्भीरसमा 58 . . . 4 // 5 / 10 5 / 16 6 / 15 7 / 24 8.5 86 8 6 / 53 10 // 33 11 / 16 11 / 17 11118 11 / 16 11020 11121 11122 11123 11 / 24 1125 11 / 26 11 / 27 11128 11 / 26 11 / 30 11 / 31
SR No.004302
Book TitleUttaradhyayan Ek Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
Publication Year1968
Total Pages544
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size8 MB
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