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________________ 118 उत्तराध्ययन : एक समीक्षात्मक अध्ययन / मैक्स वेबर जिन निष्कर्ष पर पहुंचे, उन्हें हम जैन-धर्म की सैद्धान्तिक भूमिका के स्तर से सम्बन्धित नहीं मान सकते। किन्तु तत्कालिक जैन-श्रावकों के जीवन-व्यवहार से सर्वथा सम्बन्धित नहीं थे, ऐसा भी नहीं कहा जा सकता। संभव है कि भूमिका भेद का गहरा विचार किए बिना साधुओं द्वारा भी श्रावकों के जटिल दैनिक-जीवन का क्रम निश्चित किया गया हो। इस लम्बे विवेचन के बाद हम पुनः उसी निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि जैन-धर्म के ह्रास और उसके वैश्य-वर्ग में सीमित होने के हेतु मुख्य रूप में वे ही हैं, जो हमने पहले प्रस्तुत किए थे। सूत्र रूप में उनकी पुनरावृत्ति कुछ तथ्यों को और सम्मिलित कर इस प्रकार की जा सकती है (1) उन्नति और अवनति का ऐतिहासिक क्रम। . (2) दीर्घकालीन समृद्धि से आने वाली शिथिलता। (3) जैन-संघ का अनेक गच्छों व सम्प्रदायों में विभक्त हो जाना। (4) परस्पर एक दूसरे को पराजित करने का प्रयत्न / (5) अपने प्रभाव क्षेत्रों में दूसरों को न आने देना या जो आगत हों, उन्हें वहाँ से निकाल देना। (6) साधुओं का रूढ़िवादी होना। (7) देश-काल के अनुसार परिवर्तन न करना, नए आकर्षण उत्पन्न न करना। (8) दैनिक जीवन में क्रियाकाण्डों की जटिलता पैदा कर देना। (8) संघ-शक्ति का सही मूल्यांकन न होना। . (10) सामुदायिक चिन्तन और प्रचार कौशल की अल्पता / (11) विदेशी आक्रमण / (12) अन्यान्य प्रतिस्पर्धी धर्मों के प्रहार / (13) जातिवाद का स्वीकरण / इन स्थितियों ने जैन-धर्म को सीमित बनाया। कुछ जैन-प्राचार्यों ने दूरदर्शितापूर्ण प्रयत्न किए और ओसवाल, पोरवाल, खण्डेलवाल आदि कई जैन जातियों का निर्माण किया। उससे जैन-धर्म मुख्यतः वैश्य-वर्ग में सीमित हो गया, किन्तु वह बौद्ध-धर्म की भाँति भारत से उच्छिन्न नहीं हुआ। आचार्य भद्रबाहु ने अपने विशाल ज्ञान तथा वर्तमान की स्थितियों का भविष्य में प्रतिबिम्ब देख कर ही यह कहा था-"धर्म मुख्यतः वैश्य-वर्ग के हाथ में होगा।" चन्द्रगुप्त के सातवें स्वप्न-'अकुरडी पर कमल उगा हुआ है'-का अर्थ उन्होंने
SR No.004302
Book TitleUttaradhyayan Ek Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
Publication Year1968
Total Pages544
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size8 MB
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