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________________ कर्क व मकर संक्रांति में सूर्य कर्क संक्राति के प्रथम दिन मकर संक्राति के प्रथम दिन Prinase परिधि के दशांश का दोनों तरफ का 3-3 भाग में प्रकाश और 2-2 भाग में रात्रि (6 भाग में प्रकाश) उत्तर (4 भाग में रात्रि) परिधि के दशांश का दोनों तरफ का 3-3 भाग में रात्रि और 2-2 भाग में प्रकाश (6 भाग में रात्रि) उत्तर (4 भाग में प्रकाश) 184 सर्ववार पर्वबाहा मंडल जबू द्वीप 118393 या. दष्टिवेषein o123chs. 18 मुहूर्त की रात पश्चिम काश विष्ट 6324 15494 योजन तमः 1994 तमःक्षेत्र विका high 2. lon2 प्रकाश की लंबाई CV4000अंदीप में लवण समुद्र त्रि विष्का प्रकाश की लंबाई ४५०००जैबूद्वीपम 'सर्वाभ्टान्तरमा ७२६३२५दष्टिक्षेत्र लवण समुद्र 63663 योजन दक्षिण प्रकाश और अंधकार की 78332 योजन संपूर्ण लंबाई प्रकाश क्षेत्रविष्कमा लवण समुद्र दक्षिण दिनमान 18 मुहूर्त प्रकाश की लंबाई 333334 यो. समुद्र में प्रकाश की लंबाई३३३३३ टो. समुद्र में दिनमान 12 मुहूर्त ल व ण / स मु द्र चित्र क्र. 82 ल व ण ट उत्तर दक्षिण सर्वाभ्यन्तर 44.820 यो.दूर मडल सर्व बाह्य मंडल 45,330 योजन सूर्य मंडलों के मध्य सूर्य मंडल का पश्चिम + पूर्व अंतर मेरू पर्वत से अंतर सूर्य के एक मंडल से | दूसरे मंडल का अंतर दो | योजन है। वह इस प्रकार | है-प्रथम और अंतिम मंडल | के बीच 510 योजन का | अंतर है। सूर्य विमान की लवण समुद्र | लम्बाई-चौड़ाई 48/61 योजन है। अतः सूर्य का चार जम्बू द्वीप क्षेत्र 51048/61 योजन हुआ। चित्र क्र.83 सूर्य मंडल 48/61 योजनांश | प्रमाण वाला है। ऐसे 184 मंडल हैं, अतः 184 x 48/61 योजनांश = 14448/61 योजन प्रमाण मंडलों का क्षेत्र होता है। सूर्य मंडल के 51048/61 योजन के भ्रमण क्षेत्र में से 14448/61 योजन कम करने पर 45,330 योजन -मंडल अन्तर 2 यो.48 मेरु पर्वत सचित्र जैन गणितानुयोग 117
SR No.004290
Book TitleJain Ganitanuyog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayshree Sadhvi
PublisherVijayshree Sadhvi
Publication Year2014
Total Pages208
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size38 MB
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