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________________ सेव 00190 सन्तरा 00240 अंगूर 00280 दूध 00520 अण्डे 02000 चूजे 03200 सुअर-मांस 04800 पशु-मांस 10000 ___ कत्लखाने भी अनाप-शनाप जल-खपत के अड्डे हैं। देश में अधिकृत कत्लखानों की संख्या 4000 हैं और अनाधिकृत करीब दो लाख! भारत सरकार द्वारा प्रकाशित वार्षिक सन्दर्भ पुस्तक 'भारत-1995' में कार्टमेन' के अध्यक्ष प्रो. एन.एस.रामास्वामी के अनुसार मुम्बई स्थित देवनार कत्लखाना प्रतिवर्ष 44,58,000 करोड़ लीटर पेयजल का उपभोग करता है। इससे कत्लखानों में होने वाली जलखपत का सहज अनुमान लगाया जा सकता है। कत्लखानों को बन्द, कम या नियन्त्रित करके धरती पर अपरिमित पेयजल की बचत की जा सकती है। शाकाहार : कम जमीन पर अधिक उत्पादन अमेरिका के कृषि-विज्ञानी सी. डब्ल्यू. फॉर्वर्ड ने शाकाहार व मांसाहार के उत्पादन में लगने वाली जमीन के जो आँकड़ें दिये हैं, वे भी अर्थशास्त्रीय दृष्टि से अवलोकनीय हैं। ज़मीन एक एकड़ वज़न पौण्ड में गोमांस 182.25 बकरे का गोश्त 228.00 1680.00 1800.00 1800.00 2300.00 मक्का 3120.00 4565.00 आलू 20160.00 फलियाँ चावल (284)
SR No.004281
Book TitleJain Agamo ka Arthashastriya Mulyankan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDilip Dhing
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2007
Total Pages408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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