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________________ जाते हैं। समाज के गौरव और वैभव पर इसका विपरीत असर होता है। पर-स्त्री या पर-पुरुष गमन से स्थायी सुख, सच्ची शान्ति और समृद्धि नष्ट हो जाती है। 4. वैश्या-गमन गृहस्थ के चतुर्थ व्रत में वैश्या-गमन का भी निषेध है। आज दुर्भाग्य यह है कि वैश्या-गमन को व्यापार-व्यवसाय और पर्यटन की आड़ में बढ़ावा दिया जा रहा है। गिरावट का नमूना यह है कि सैक्स वर्कर' के रूप में पुरुष भी इस कुधन्धे में लगे हुए हैं। जिस समाज व राष्ट्र का युवा निर्वीर्य हो जाता है, सदाचारी नहीं होता है; वह समाज व राष्ट्र विकास के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता है। अर्थशास्त्री डॉ. मार्शल ने उत्पादक श्रम की अवधारणा से वैश्यावृत्ति को बाहर निकाल दिया। अर्थशास्त्री प्रो. सैलिगमैन का कहना है कि सच्ची आर्थिक क्रिया सदाचारपूर्ण होनी चाहिये। देह-व्यापार का सह-अस्तित्व, व्यापार-धर्म और सामाजिकता से कोई रिश्ता नहीं है। इसलिए व्यक्ति और देश की आर्थिक प्रगति में उसका कोई योगदान नहीं है। 5.शिकार शिकार क्रूरता और कायरता का प्रतीक है। किसी भी राज्य की समृद्धि के आधारभूत वन और वन्य जीवों के नष्ट होने में शिकार भी मुख्य कारण रहा है। शिकार से सीधे तौर पर दुर्लभ वन्य जीव मारे जाते हैं। इससे वनों का पर्यावरण और पारिस्थितिकी मटियामेट हो जाती है। वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाते हैं और जंगल जंगल नहीं रहते हैं। इस बहाने वन आधारित अवैध और हिंसक व्यवसाय पनपने लग जाते हैं। शिकार ने संसार के पर्यावरण : को भारी नुकसान पहुंचाया। इससे आर्थिक पर्यावरण भी बिगड़ा। जिसके दुष्प्रभाव आज नजर आ रहे हैं। वन्य-जीवों की अनेक जातियाँ और प्रजातियाँ शिकार की वजह से नष्ट हो गईं। अहिंसा की अनुपालना के क्रम में जैनाचार्यों ने शिकार त्याग को अनिवार्य माना। जैन दिवाकर मुनि चौथमलजी (18771950) ने हजारों-हजार वनवासी बन्धुओं और राजा-महाराजाओं से शिकारवृत्ति छुड़वाकर पर्यावरण-रक्षा में ऐतिहासिक कार्य किया। अनेक जैनाचार्यों, श्रमण-श्रमणियों और श्रावक-श्राविकाओं ने व्यसन-मुक्ति की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया। उनकी बदौलत वन्य-जीवों की अनेक दुर्लभ प्रजातियाँ आज भी विद्यमान हैं। (229)
SR No.004281
Book TitleJain Agamo ka Arthashastriya Mulyankan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDilip Dhing
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2007
Total Pages408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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