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________________ गोपालक अपने पशुओं को बहुत जिम्मेदारी और निपुणता से चराने ले जाते, लाते और देखभाल करते। भगवान महावीर के साधनाकाल में प्रथम और अन्तिम दोनों उपसर्ग ग्वालों से जुड़े हैं।" दूध, घी और अन्य दुग्ध-उत्पादों के व्यापार के अनेक उल्लेख जैन-ग्रन्थों में प्राप्त होते हैं। यह भी एक प्रमुख व्यापार था। सम्भवतः, इसीलिए कहा जाता था कि इस देश में घी-दूध की नदियाँ बहती थी। परन्तु, वर्तमान में तो पानी की नदियाँ भी सूखी है। भारवाहक पशु पशु यातायात के मुख्य आधार थे। बैल कृषि सम्बन्धी और स्थानीय . यातायात, घोड़े दूर-यात्रा, रोमांच और युद्ध, हाथी शाही-यात्रा और युद्ध, गधे सामान्य तबके के भार वाहक और ऊँट लम्बी दूरी तक ज्यादा भार ढोने के रूप में काम करते थे। इन पशुओं में स्वामी-भक्ति, मार्ग-स्मरण, किसी खतरे या आपदा का पूर्वाभास जैसे अद्भुत गुण होते थे। ऐसे गुण आज भी होते हैं। हाथी चिरकाल से हाथी मानव का साथी है। युद्धों में हाथियों ने इतने कौशल का परिचय दिया है कि अलग से हस्ती सेना हुआ करती थी। चक्रवर्ती के 18 करोड़ 84 लाख हाथी होने की आश्चर्यजनक जानकारी मिलती है। जहाँ हाथी जंगल का भीमकाय प्राणी है, वहीं उसे जंगलों से पकड़ कर प्रशिक्षित करके बड़ेबडे काम करवाये जाते थे। भक्तामर स्तोत्र के 42 वें श्लोक में युद्ध में हाथी व घोड़े तथा 43वें में हाथी का रोमांचक वर्णन है। युद्ध में हार-जीत हाथियों पर भी निर्भर करती थी। हाथियों के लिए कठिन रास्ते भी आसान होते थे तथा वे नदियाँ भी पार कर लेते थे। पिण्ड नियुक्ति में गड्ढे खोदकर हाथियों को पकड़ने का वर्णन मिलता है। कौटिलीय अर्थशास्त्र के अनुसार हथिनी को एक स्थान पर बाँध कर भी हाथियों को आकर्षित करके पकड़ा जाता था।" भेड़-बकरी-ऊँट भेड़, बकरी और ऊँट भी पोषित पशु थे। निशीथ चूर्णि के अनुसार उष्ट्रपाल के पास 21 ऊँट थे। ऊँट से भार-वाहन, सवारी, दूध के अलावा उसके बालों से कम्बल आदि वस्त्रों का निर्माण किया जाता था। भेड़-बकरी के बालों से भी वस्त्र-निर्माण होता था। इसी प्रकार गधे भी भार-वाहक के रूप में सेवा करते थे। एक बार एक गधे पर कुम्हार ने क्षमता से अधिक मिट्टी के बर्तन ढोये। इससे (106)
SR No.004281
Book TitleJain Agamo ka Arthashastriya Mulyankan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDilip Dhing
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2007
Total Pages408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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