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________________ गर्भज 249 250 251 252 253 255 257 . SOLARSATISTER जीव विचार प्रकरण R 247 मेण्द्रमुख अन्तर्वीप गर्भज 248 मेण्द्रमुख अन्तर्वीप मेण्द्रमुख अन्तीप. संमूर्छिम अयोमुख अन्तर्वीप गर्भज अयोमुख अन्तर्वीप गर्भज अयोमुख अन्तर्वीप संमूर्च्छिम गोमुख अन्तर्वीप गर्भज 254 गोमुख अन्तर्वीप * गर्भज गोमुख अन्तर्वीप संमूर्छिम हयमुख अन्तर्वीप गर्भज हयमुख अन्तीप गर्भज 258. हयमुख अन्तर्वीप संमूर्च्छिम 259 गजमुख अन्तीप गर्भज 260 गजमुख अन्तर्वीप . गर्भज __ गजमुख अन्तर्वीप . संमूर्छिम 262 हरिमुख अन्तर्वीप गर्भज 263 . हरिमुख अन्तद्वीप गर्भज ... 264 हरिमुख अन्तीप -संमूर्च्छिम 265 व्याघ्रमुख अन्तर्वीप गर्भज 266. ' व्याघ्रमुख अन्तीप गर्भज 267 व्याघ्रमुख अन्तद्वीप संमूर्च्छिम 268 आसकर्ण अन्तर्वीप गर्भज 269 आसकर्ण अन्तर्वीप गर्भज 270 आसकर्ण अन्तर्वीप संमूर्च्छिम 271 हरिकर्ण अन्तर्वीप गर्भज ESENTERTIES पर्याप्ता अपर्याप्ता अपर्याप्ता पर्याप्ता अपर्याप्ता अपर्याप्ता पर्याप्ता अपर्याप्ता अपर्याप्ता पर्याप्ता अपर्याप्ता अपर्याप्ता पर्याप्ता अपर्याप्ता अपर्याप्ता पर्याप्ता अपर्याप्ता अपर्याप्ता पर्याप्ता अपर्याप्ता अपर्याप्ता पर्याप्ता अपर्याप्ता अपर्याप्ता पर्याप्ता 261 relow O
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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