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________________ 888 जीव विचार प्रकरण AIRTE ____संज्ञी पंचेन्द्रिय खेचर चित्र : खेचर जीवों के भेद विशेष विवेचन प्रस्तुत गाथा में खेचर जाति के विभिन्न प्रकारों का वर्णन है / मनुष्य लोक अर्थात् जम्बूद्वीप, धातकीद्वीप एवं अर्धपुष्करावर्त द्वीप को अढी द्वीप कहा जाता है / अढी द्वीप में पाये जाने वाले पक्षियों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता हैं(१) रोमज पक्षी - जिनके पंख रोम से बने हुए होते हैं, (जिनके पंख कोमल एवं मुलायम होते हैं) वे रोमज पक्षी कहलाते हैं, जैसे कबूतर, तोता, सारस, चिडियाँ, हंस, कौआ, मोर आदि। (2) चर्मज पक्षी - जिनके पंख चमडे से बने हुए होते हैं, (जिनके पंख कठोर होते हैं) वे चर्मज पक्षी कहलाते हैं, जैसे चमगादड, बादुर आदि / मनुष्य लोक के बाहर दो प्रकार के पक्षी पाये जाते हैं - (1) समुद्ग पक्षी - जिन पक्षियों के पंख उडते समय भी बंद रहते हैं, वे समुद्ग पक्षी कहलाते हैं। (2) वितत पक्षी - जिन पक्षियों के पंख बैठते समय भी खुले रहते हैं, वे वितत पक्षी कहलाते हैं। समुद्ग एवं वितत पक्षियों का जन्म एवं मरण आकाश में ही होता है।
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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