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________________ SASTERSTARTE जीव विचार प्रकरण SETT E प्रथम विभाग सकल जीवों के 563 भेद पृथ्वीकायिक जीवों के भेद ... .. गाथा फलिह-मणि-रयण विदुम-हिंगुल-हरियाल-मणसिल रसिंदा / कणगाई धाऊ सेढी वन्निय-अरणेट्टय- पलेवा // 3 // अन्वय फलिह-मणि-रयण-विदुम-हिंगुल-हरियाल-मणसिल-रसिंदा कणगाई धाऊ सेढी वन्निय-अरणेट्टय- पलेवा // 3 // संस्कृत छाया स्फटिक-मणि-रतन-विद्रुम-हिंगुल-हरिताल-मनःशिला-रसेन्द्रा / कनकादयो धातवः खटिका-वणिका अरनेटक: पलेवकः // 3 // ___ शब्दार्थ फलिह - स्फटिक | मणि - चन्द्रकान्त, सूर्यकान्तादि मणि रयण - रतन, हीरा, पन्नादि रत्न | विदुम - परवाल, मूंगा हिंगुल - हिंगुल, सिंगरफ, ईंगुर | हरियाल - हरताल, एक प्रकार की विषैली मिट्टी मणसिल - मैनसिल, मनःशिला . | | रसिंदा - रसेन्द्र, पारा, पारद कणगाई धाऊ - सोना, चांदी, लोहा | सेढी - खटिका, खडिया इत्यादि धातुएँ | अरणेट्टय - अरणेटक वन्निय - सोनागेरु, हरमची, लाल मिट्टी| पलेवा - पलेवक, एक प्रकार का नरम - | पत्थर . भावार्थ स्फटिक, सूर्यकान्तादि मणि, रतन, मूंगा, हिंगुल, हरताल, मैनसिल,पारा, कनकादि धातुएँ, खडिया, हरमची, अरणेटक,
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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