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________________ दक्षिण उत्तरके भवनोंकी संख्या ] गाथा-२४ [ 83 निकायके भवनोंके स्वामी भी होते हैं। उनमें दक्षिण भागके असुरकुमारके तांबेके भवनोंकी संख्या चौंतीस लाख हैं। नागकुमार निकायमें चुवालीस लाख, तीसरे सुवर्णकुमार निकायमें अड़तीस लाख, चौथे विद्युत्कृमार निकाय, पांचवें अग्निकुमार निकाय, छठे द्वीपकुमार निकाय, सातवें उदधिकुमार निकाय और आठवें दिशिकुमार निकाय इन पांचों निकायोंमें प्रत्येकके चालीस-चालीस लाख भवन होते हैं / नौवें पवनकुमार निकायमें पचास लाख भवन और दसवें स्तनितकुमार निकायमें चालीस लाख भवन होते हैं। इस तरह क्रमशः दक्षिण दिशाके निकायोंके लाखों भवनोंकी संख्या कही गई। [23] अवतरण-अब उत्तरदिशाके भवनोंकी संख्याका वर्णन करते हैं चउ-चउलक्ख-विहूणा, तावइया चेव उत्तर दिसाए / सब्वेवि सत्तकोडी, बावचरी हुंति लक्खा य / / 24 / / गाथार्थ-विशेषार्थके अनुसार // 24 / / विशेषार्थ-पहले दक्षिण दिशाके निकायोंके भवनोंकी जो संख्या बतलाई है उन प्रत्येकमेंसे चार-चार लाख कम करनेसे जिस-जिस निकायके जितने-जितने भवन अवशिष्ट रहें वह संख्या उसके उत्तरदिशाके निकायके भवनोंकी निश्चयपूर्वक जानें / वे इस तरह; उत्तर विभागके असुरकुमार निकायमें तीस लाख, नागकुमारमें चालीस लाख, सुवर्णकुमारमें चौंतीस लाख, विद्युत्कुमार, अग्निकुमार, द्वीपकुमार, उदधिकुमार और दिशिकुमार निकाय इन पांचों निकायोंमें प्रत्येकके छत्तीस-छत्तीस लाख भवन होते हैं। नौवें पवनकुमार निकायमें छियालीस लाख और अन्तिम स्तनितकुमार निकायमें छत्तीस लाख उत्तर विभागमें समाविष्ट हैं। इस तरह पूर्व गाथामें कहे गये दक्षिण निकायके और चालू गाथामें कथित उत्तर निकायके, इन दोनों श्रेणियोंने सब मिलाकर सात करोड़ और अधिक बहत्तर लाख भवन होते हैं। __ श्री सकलतीर्थ में हम बोलते हैं कि, "सात करोड़ और बहत्तर लाख भवनपतिमें देवल (देवालय ) भाख / " [24]
SR No.004267
Book TitleSangrahaniratna Prakaran Bruhat Sangrahani Sutra
Original Sutra AuthorChandrasuri
AuthorYashodevsuri
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1984
Total Pages756
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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