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________________ * जैन गणितानुसार इंच, मीलोंकी गिनती क्या हैं ? वह * * 359 . सूर्यकी नक्षत्रोंकी तारेकी ऊँचाई 790 यो मील प्रमाण 28,44,000 800 यो० 28,80,000 चंद्रकी 31,68,900 884 यो० 31,82,400 बुधकी 888 यो० 31,96,800 शुक्रकी 891 यो० 32,07,600 गुरुकी , 894 यो० 32,18,400 मंगलकी ,, 897 यो० 32,29,200 शनिकी ,, 900 यो० 32,40,000 स्थूल गणितकी गणनासे (लगभग ) 3600 मील का एक योजन प्रमाण निश्चित किया जाता है, यह ऊपर बताया गया है। लेकिन अगर सूक्ष्म गणना अनुसार चौकस माप निकाला जाय तो 3636.36 मील प्रमाण होता है। इस प्रमाणानुसार गिननेसे तारे के 2,87,272/4 0 मील, सूर्यके 29,09,088/00 मील, चंद्रके 31,99,960/80 मील होते हैं / इस तरह अन्य गणना भी कर लें ! .. शास्त्रीय मापोंकी इंच, मील आदि में तुलना सूचि–जैन गणितशास्त्रमें महत्त्वपूर्ण तीन माप बताये हैं। 1. उत्सेधांगुल 2. प्रमाणांगुल और 3. आत्मांगुल। इन शास्त्रीय मापोंकी वर्तमान प्रचलित मापके साथ किस प्रकार तुलना की है यह नीचे बताया है / . उत्सेधांगुलसे तुलना 1 उत्सेघांगुल अर्थात् लगभग 13 इंच 1. उत्सेधांगुल हाथ अर्थात् लगभग 17 से 18 इंच 1 , कोस , , 23 मील 1 , योजन , , 9 मील प्रमाणांगुलसे तुलना - 1 प्रमाणांगुल अर्थात् 400 उत्सेधांगुल . 1 प्रमाणांगुल योजन अर्थात् 1600 कोस . 1600 कोसके मील लगभग 3600
SR No.004267
Book TitleSangrahaniratna Prakaran Bruhat Sangrahani Sutra
Original Sutra AuthorChandrasuri
AuthorYashodevsuri
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1984
Total Pages756
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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