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________________ प्रो. सागरमल जैन एवं डॉ. सुरेश सिसोदिया : 109 पूछता है। SECRED BOOR OF THE EAST VOL1PAGE-XXIX) हर्मन जैकोबी का मत है कि बौद्ध संजय के समकालीन अज्ञेयवाद से बहुत प्रभावित थे इसका स्पष्ट प्रमाण महावग्ग में मिलता है। (1/23-24) जिसमें सारिपुत्त एवं मोग्गलान को बुद्ध की दीक्षा के पहले संजय का शिष्य बताया गया है एवं जो लगभग 250 शिष्यों के साथ बौद्ध संघ में आये थे। ___ अज्ञानवादी असुरक्षित होते हुए भी सुरक्षित एवं अशंकनीय स्थानों को असुरक्षित और शंकास्पद मान लेते हैं और असुरक्षित एवं शंकनीय स्थानों को सुरक्षित। वे पैरों पड़े उस पाशबन्धन से छूट सकते हैं पर वे उस बंधन को बंधन ही नहीं समझते।" सूत्रकार के अनुसार अज्ञानवादी का कथन वदहोव्याघात सहारा लेते है। अज्ञानवाद ग्रस्त जब स्वयं सन्मार्ग से अनभिज्ञ है तो उनके नेतृत्व में बेचारा दिशामूढ मार्ग से अनभिज्ञ भी दुःखी होगा। उसी प्रकार जैसे अंधे मार्गदर्शक के नेतृत्व में चलने वाला दूसरा अन्धा भी मार्ग भ्रष्ट हो जाता है। ____ कर्मोपचय निषेधवाद या क्रियावाद :- बौद्ध दर्शन को सामान्यतया अक्रियावादी दर्शन कहा गया है क्योंकि वे कारक को नहीं मानते और कारक के अभाव में कोई क्रिया संभव नही है किन्तु सूत्रकृतांग के बारहवें समवसरण अध्ययन में सूत्र 535 की चूर्णि और वृत्ति में बौद्धों को अपेक्षा भेद से क्रियावादी कहा है। क्रियावादी केवल चैत्यकर्म (चित्त विशुद्धि पूर्वक) किये जाने वाले किसी भी कर्म आदि क्रिया को मोक्ष का अंग मानते हैं। बौद्ध चित्तशुद्धिपूर्वक सम्पन्न प्रभूत हिंसा युक्त क्रिया को एवं अज्ञानादि से किये गये निम्न चार प्रकार के कर्मोपचय को बंध का कारण नहीं मानते :(i) परिज्ञोपचित कर्म - जानते हुए भी क्रोधवश शरीर से अकृत एवं केवल मन से चिंतित हिंसादि कर्म। (ii) अविज्ञोपचितकर्म - अज्ञानवश शरीर से सम्पन्न हिंसादि कर्म। (iii) ईर्यापथ कर्म - मार्ग में जाते समय अनभिसंधिसे होने वाला हिंसादि कर्म। (iv) स्वप्नान्तिक कर्म - स्वप्न में होने वाले हिंसादि कर्म। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004256
Book TitleAng Sahitya Manan aur Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Suresh Sisodiya
PublisherAgam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
Publication Year2002
Total Pages338
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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