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________________ 56 57 58 59 60 28 61 14-19 | जम्बूद्वीप के 6 सरोवर 20-23 · | जम्बूद्वीप की 14 नदियाँ 24-26,32 भरतादि क्षेत्रों का विस्तार 27 काल चक्र परिवर्तन | 27,29-31 काल चक्र परिवर्तन विशेषता | अवस्थित भूमियों के काल 33-35 | अढ़ाई द्वीप (मनुष्य क्षेत्र/नर लोक) | मनुष्यों के भेद कुभोगभूमि मनुष्य विशेषता ढ़ाईद्वीप में कर्मभूमियाँ एवं भोग भूमियाँ | मनुष्य एवं तिर्यंचों की आयु तिर्यंचों की आयु-विशेष पूर्वांग 62 36 62 63 37 63 38-39 64 64 65 पूर्व 65 65 65 65 66 66 66 3 प्रकार के पल्य सागर सूत्र से अन्य रचनाएँ व अन्य विषय तीर्थंकरों की गणना त्रिकाल चौबीसी तीन लोक के अकृत्रिम चैत्यालय मध्यलोक के 458 अकृत्रिम चैत्यालय चतुर्थ अध्याय | चतुर्थ अध्याय विषय-वस्तु ऊर्ध्वलोक का विस्तार 1,3-5, | देवों के प्रकार (निकाय) 10-12 68 68 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004253
Book TitleTattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuja Prakash Chhabda
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year2010
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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