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________________ मार्गणास्थान द्वारा संसारी जीवों का सर्वेक्षण - १ Jain Education International १० मार्गणा For Personal & Private Use Only सरकार को किसी जगह रेलवे लाइन निकलनी होती है, तब सर्वप्रथम सर्वेक्षण (Survey) करना अनिवार्य होता है। सर्वेक्षण द्वारा यह पता लगाना होता है कि रेलवे लाइन के रास्ते में कहाँ टीले हैं, कहाँ पहाड़ हैं, कहाँ गड्ढे हैं, कहाँ सीलनवाली या मुलायम जमीन है, और कहाँ कठोर भूमि है, तथा कहाँ-कहाँ नदियाँ हैं, कहाँ-कहाँ पुल बनाने होंगे या कहाँ गुफाएँ बनानी होंगी, कहाँ रास्ते रखने होंगे? यदि रेलवे लाइन बिछाने से पहले इन सबका सर्वेक्षण नहीं किया जाता है, औरजैसे-तैसे रेलवे लाइन बिछाना प्रारम्भ कर दिया जाता है तो वह कार्य न तो व्यवस्थित ढंग से पूरा हो सकता है, और न ही कोई ट्रेन उस पर व्यवस्थित ढंग से सही सलामत यात्रा कर सकती है। उस अव्यवस्थित लाइन द्वारा रेलयात्रा करने वाले यात्रियों को भी कहीं आकस्मिक दुर्घटना का शिकार होना पड़ सकता है। संसारी जीवों के आध्यात्मिक सर्वेक्षण हेतु : मार्गणास्थान इसी तथ्य को ध्यान में रख कर जैनकर्मविज्ञान ने संसारी जीवों द्वारा मोक्षधाम की अध्यात्म यात्रा करने हेतु यात्रा प्रारम्भ करने से पूर्व आध्यात्मिक सर्वेक्षण किया है। उक्त आध्यात्मिक सर्वेक्षण का नाम कर्मविज्ञान की भाषा में 'मार्गणास्थान' रखा गया है। यहाँ भी मोक्षधाम की आध्यात्मिक यात्रा प्रारम्भ करने से पूर्व मार्गणास्थानों द्वारा आध्यात्मिक राजमार्ग को बनाने वाले जीवरूपी इंजीनियर को भी उसी प्रकार सर्वेक्षण करना पड़ता है, जिस प्रकार रेलवे लाइन निकालने वाले इंजीनियर को पूर्वोक्त बातों का सर्वेक्षण करना आवश्यक होता है। : एक सर्वेक्षण www.jainelibrary.org
SR No.004246
Book TitleKarm Vignan Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year
Total Pages614
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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