SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 397
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ उ. पंद्रह दिन तक । प्र.1392 सनत्कुमारेन्द्र का बनाया समवसरण कितने महिने तक रहता है ? उ. एक महिने तक। प्र.1393 माहेन्द्र का बनाया समवसरण कितने महिने तक रहता है ? उ. दो महिने तक। प्र.1394 ब्रह्मेन्द्र का बनाया समवसरण कितने माह तक रहता है ? . उ. चार माह तक । प्र.1395 चौबीस तीर्थंकर परमात्मा को कौन से चैत्यवृक्ष के नीचे केवल ज्ञान प्राप्त हुआ उनके क्रमिक नाम लिखिए ? उ. 1. न्यग्रोध 2. सप्तवर्ण 3. साल 4. प्रियक 5. प्रियंगु 6. छत्राध 7. सरिस 8. नागवृक्ष 9. मालीक 10. पीलक्षु 11. तिंदुक 12. पाडल 13. जम्बु 14. अश्वत्थ 15. दधिपर्ण 16. नंदीवृक्ष 17. तिलक 18. अंबवृक्ष 19. अशोक 20. चंपक 21. बकुल 22. वेतस. 23. धव 24. साल । समवायांग सूत्र प्र.1396 देवता गण समवसरण की रचना कैसे करते हैं ? उ. सर्वप्रथम वायु कुमार देव एक योजन प्रमाण भूमि पर से कचरादि दूर करके उसको शुद्ध करते है। तत्पश्चात् मेघ कुमार उस भूमि पर सुगन्धित जल की वर्षा करते है और उस ऋतु के अधिष्ठायक देव पांच वर्ण के पुष्पों से उस धरा की पूजा करते है। तत्पश्चात् व्यन्तर देव उस भूतल पर जमीन से सवाकोश ऊँचा रत्न और मणिमय पीठ की रचना करते है। जमीन से दस हजार पगथिया (सीढियाँ) चढ़ने के पश्चात् प्रथम रूपे ++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ 382 परिशिष्ट Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy