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________________ में गज ध्वज, उत्तर दिशा में - सिंह ध्वज । प्र.1368 उपरोक्त कथित प्रत्येक ध्वज कितना योजन ऊँचा होता है ? उ. एक योजन । प्र.1369 प्रत्येक द्वार पर कौन से देव किस मणि के कितने तोरण की रचना करते है ? उ. प्रत्येक द्वार पर व्यंतरेन्द्र देव, पद्मराग मणि के तीन तोरण की रचना करते है । प्र.1370 समवसरण की प्रत्येक दिशा में कितने चामरधारी होते है ? उ. दो-दो चामरधारी प्रत्येक दिशा में होते है । प्र.1371 अरिहंत परमात्मा के समवसरण की कितनी सीढियाँ होती है ? उ. अस्सी हजार । प्र.1372 समवसरण के प्रथम गढ़ में कुल कितनी सीढ़ियाँ होती है ? उ. प्रथम गढ की प्रत्येक दिशा में दस-दस हजार सीढ़ियाँ होती है । अत: चारों दिशाओं में कुल चालीस हजार सीढ़ियाँ होती हैं । प्र.1373 समवसरण के दूसरे गढ़ में कुल कितनी सीढ़ियाँ होती है ? प्रत्येक दिशा में पांच-पांच हजार सीढ़ियाँ होती है । अत: कुल बीस हजार सीढ़ियाँ होती है । - उ. प्र.1374 समवसरण के तीसरे गढ़ में कुल कितनी सीढ़ियाँ होती है ? प्रत्येक दिशा में पांच-पांच हजार सीढ़ियाँ होने से कुल बीस हजार सीढ़ियाँ होती है । प्र.1375 प्रत्येक पगथिया कितना लम्बा और चौड़ा होता है ? . उ. एक-एक हाथ लम्बा और चौड़ा होता है । चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी Jain Education International For Personal & Private Use Only 379 www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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