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________________ उ. श्राविका को लम्बुत्तर, स्तन, संयती व वधू दोष नही लगते है क्योंकि श्राविका सदैव सिर ढका व नजरें नीचे ही रखती है । उ. प्र.1237 चारित्रसार में कायोत्सर्ग के कितने दोष बताये है ? 1. घोटकपाद दोष 2. लतावक्र दोष 3. स्तंभावष्टभ दोष 4. कुड्याश्रित दोष 5. मालिकोद्वहन दोष 6. शबरीगुह्यगूहन दोष 7. शंखलित दोष 8. लंबित दोष 9. उत्तरित दोष 10. स्तनदृष्टिदोष 11. काकालोकन दोष 12. खलीनित दोष 13. युगकन्धर दोष 14. कपित्थमुष्टि दोष 15. शीर्ष प्रकंपित दोष 16. मूक संज्ञा दोष 17. अंगुली चालन दोष 18. भ्रू क्षेप दोष 19. उन्मत्त दोष 20. पिशाच दोष 21. पूर्व दिशावलोकन दोष 22. आग्नेय दिशावलोकन दोष 23. दक्षिण दिशावलोकन दोष 24. नैऋत्य दिशावलोकन दोष 25. पश्चिम दिशावलोकन दोष 26. वायव्य दिशावलोकन दोष 27. उत्तर दिशावलोकन दोष 28. ईशान दिशावलोकन दोष 29. ग्रीवोन्नमन दोष 30. ग्रीवावनमन दोष 31. निष्ठीवन दोष 32. अंग स्पर्श दोष । प्र.1238 अनगार धर्मामृत अधिकार के अनुसार कायोत्सर्ग के दोष बताइये । चा.सा./56/2 उ. 1. लम्बित दोष 2. उत्तरित दोष 3. स्तन्नोति दोष 4. शीर्ष प्रकम्पित दोष 5. ग्रीवाधोनयन दोष 6. ग्रीवोर्ध्वनयन दोष 7. निष्ठीवन दोष 8. वपुः स्पर्श दोष 9. हीन (न्यून) दोष 10. दिगवलोकन दोष 11. मायाप्राया स्थिति दोष 12. वयोपेक्षाविवर्जन दोष 13. व्याक्षेपासक्त चित्त दोष 14. कालापेक्षा व्यतिक्रम दोष 15. लोभाकुलता दोष 16. पापकर्मैकसर्गता दोष | प्र.1239 लम्बित आदि उपरोक्त दोष से क्या तात्पर्य है ? अन.ध. /8/115-121 चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी Jain Education International For Personal & Private Use Only 329 www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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