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________________ बारहवाँ अधिकार द्वार प्र.923 अधिकार किसे कहते है ? उ. अधिकार अर्थात् प्रस्ताव विशेष । प्रस्ताव विशेष । मुख्य विषय को अधिकार कहा जाता है। प्र.924 पांच दण्डक सूत्र के कुल कितने अधिकार है ? उ. कुल 12 अधिकार है । शकस्तव के 2, चैत्यस्तव का 1, नामस्तव के 2, श्रुतस्तव के 2 व सिद्धस्तव के 5 अधिकार है । प्र.925 प्रथम अधिकार में किसको वंदना की गई है ? उ. प्रथम अधिकार में अष्टप्रातिहार्यादि समृद्धि से युक्त, तीर्थ की स्थापना करने वाले तीर्थंकर परमात्मा अर्थात् भाव जिन को वंदना की गई है। प्र.926 स्थापना अरिहंत रुप तीर्थंकर परमात्मा की प्रतिमा में भाव अरिहंत का आरोपण करके प्रतिमा के सम्मुख कौनसा सूत्र बोला जाता है? स्थापना अरिहंत में भाव अरिहंत का आरोपण करके प्रतिमा के सम्मुख "नमुत्थुणं सूत्र (शक्रस्तव)" बोला जाता है । प्र.926 प्रथम अधिकार में नमुत्थुणं सूत्र में कितने अक्षर, पद व संपदा है? उ. प्रथम अधिकार में नमुत्थुणं सूत्र में 262 अक्षर, 33 पद, व 9 संपदा है। प्र.927 नमुत्थुणं सूत्र के कितने वर्गों को पद व संपदा में सम्मिलित नहीं किया गया है? उ... नमुत्थुणं सूत्र के 'जे अइया सिद्धा ...... सव्वे तिविहेण वंदामि' तक ... 35 वर्णों (अक्षरों) को पद व संपदा में सम्मिलित नहीं किया गया है। प्र.928 द्वितीय अधिकार में किसको वंदना की गई है ? h ++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी 22 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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