SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 226
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ उ. इरियावहिया में कुल 32 पद होते है और इस सूत्र में पद की गणना अक्षर गणना के समान, इच्छामि पडिक्कमिउं से ठामि काउस्सग्गं तक की गई है। प्र.797 नमुत्थुणं में पद गणना कहाँ से कहाँ तक की गई है और कुल कितने पद है ? उ. अक्षर गणना से भिन्न, नमुत्थुणं में पद गणना 'नमुत्थुणं से जिअभयाणं' तक की गई है और कुल 33 पद है । प्र.798 लोगस्स सूत्र में कितने पद है और क्या पद गणना व अक्षर गणना के सूत्र पाठ में भिन्नता है ? उ. लोगस्स सूत्र में 28 पद है। हाँ, पद गणना व अक्षर गणना के सूत्र पाठ में भिन्नता है। प्र.799 लोगस्स सूत्र में पद गणना कहाँ से कहाँ तक की गई है ? उ. लोगस्स सूत्र में पद गणना 'लोगस्स उज्जोगरे से मम दिसन्तु' तक अर्थात्. सम्पूर्ण लोगस्स तक की गई है, जबकि अक्षर गणना सव्वलोए सहित की गई है। प्र.800 चैत्यस्तव में कितने पद होते है ? क्या पद गणना अक्षर गणना के ... समतुल्य है ? उ. चैत्यस्तव में 43 पद होते है । हाँ, पद गणना अक्षर गणना के समतुल्य : है। पद गणना 'अरिहंत चेइयाणं से लेकर सम्पूर्ण अन्नत्थ' तक अर्थात् . 'अप्पाणं वोसिरामि' तक की गई है। प्र.801 श्रुतस्वव (पुक्खरवरदी ) के पदों की संख्या बताइये ? उ... श्रुतस्तव के पदों की संख्या 16 है । पदों की गणना सम्पूर्ण चार गाथा +++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी 211 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy