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________________ अक्षर व 89 सर्वाक्षर है और अन्नत्थ सूत्र में 127 लघु अक्षर, 13 गुरू अक्षर व 140 सर्वाक्षर है । इस प्रकार सम्पूर्ण चैत्यस्तव में 200 लघु अक्षर, 29 गुरू अक्षर व 229 सर्वाक्षर है । प्र.765 लोगस्स सूत्र का गौण नाम क्या है ? उ. गौण नाम 'नामस्तव' है। प्र.766 लोगस्स सूत्र का नाम 'नामस्तव' क्यों पड़ा ? उ. लोगस्स सूत्र में वर्तमान अवसर्पिणी काल के 24 तीर्थंकर परमात्मा की नामपूर्वक स्तवना व वंदना की गई है इसलिए इसका नाम 'नामस्तव' पड़ा। प्र.767 नामस्तव में वर्गों की गणना कहाँ से कहाँ तक की गई है ? उ. नामस्तव में वर्गों की गणना 'लोगस्स उज्जोअगरे से सव्वलोए' तक इन . चार अक्षरों के सहित की गई है। प्र.768 नामस्तव में लघु, गुरू व सर्वाक्षर कितने है ? उ. नामस्तव में सव्वलोए सहित 232 लघु अक्षर, 28 गुरू अक्षर व 260 ... सर्वाक्षर है। जबकि मात्र लोगस्स सूत्र में 229 लघु अक्षर, 27 गुरू अक्षर व 256 सर्वाक्षर है। प्र.769 पुक्खरवरदी सूत्र का गौण नाम क्या है ? . उ. पुक्खरवरदी सूत्र का गौण नाम 'श्रुतस्तव' है। प्र.770 पुक्खरवरदी सूत्र का 'श्रुतस्तव' गौण नाम कैसे पड़ा ? उ. पुक्खरवरदी सूत्र में श्रुत ज्ञान की स्तवना की गई है, इसलिए इसका नाम श्रुतस्तव पड़ा। प्र.771 श्रुतस्तव में वर्णों की गणना कहाँ तक की गई है ? उ.- श्रुतस्तव में वर्गों की गणना 'पुक्खरवरदी से लेकर सुअस्स भगवओ' ++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी 205 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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