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________________ आगमों की वृत्तियों का संक्षिप्त परिचय - अङ्ग १. आचारांग २. सूत्र - कृतांग ३. स्थानांग ४. समवायांग भगवती ५. ६. ज्ञाताधर्मकथांग ७. उपासकदशांग ८. अन्तकृद्दशांग ९. अनुत्तरोपपातिकदशांग १०. प्रश्नव्याकरण ११. विपाक उपांग १. औपपातिक २. राज- प्रश्नीय ३. जीवाभिगम ४. प्रज्ञापना ५. सूर्य - प्रज्ञप्ति ६. जम्बू द्वीप प्रज्ञप्ति ७. चन्द्र- प्रज्ञप्ति ८. कल्पिका ९. कल्पावतंसिका ४० १०. पुष्पिका ११. पुष्पचूलिका १२. वृष्णिदशा मूल १. दशवैकालिक Jain Education International टीकाकार आचार्य शीलांक, जिनहंस, जिनचन्द्र आचार्य शीलांक, हर्षकुल, साधुरंग अभयदेवसूरि, नगर्षि, सुमतिकल्लोल अभयदेवसूरि, नगर्षि. अभयदेवसूरि, नगर्षि अभयदेवसूरि, नगर्षि, कस्तूरचन्द्र. अभयदेवसूरि, नगर्षि अभयदेवसूरि, नगर्षि अभयदेवसूरि, नगर्षि अभयदेवसूरि, ज्ञानविमल अभयदेवसूरि टीकाकार अभयदेव सूर हरिभद्र, मलयगिरि, देवसूरि मलयगिरि मलयगिरि, हरिभद्र, कुलमण्डन मलयगिरि मलयगिरि, शान्तिचन्द्र, ब्रह्मर्षि मलयगिरि श्री चन्द्रसूरि, लाभश्री श्री चन्द्रसूरि, लाभश्री श्री चन्द्रसूरि, लाभश्री श्री चन्द्रसूरि, लाभश्री श्री चन्द्रसूरि, लाभश्री टीकाकार हरिभद्र, समयसुन्दरगणि तिलकाचार्य, सुमति सूरि, अपराजित सूरि, विनयहंस आचाराङ्ग-शीलाङ्कवृत्ति : एक अध्ययन For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004238
Book TitleAcharang Shilank Vrutti Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajshree Sadhvi
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2001
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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