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________________ है । किस प्रकार उस असहाय बच्चे की हत्या की जाय ! अरे ! ऐसी नागिन तो देखी जो अपने बच्चों को जन्म देते ही खाने लगती हैं। कुत्तिया भी देखी जो भूख की सताई अपनी ही संतान चबा लेती है और सूअर भी देखी जो बेचारी भूख से चटपटाती अपने ही बच्चे जबडों से चबाती... मगर यह क्या हो रहा है इस भारत भूमि पर ? खाने को भर पेट मिलता है, मिठाइयों के थाल तैयार पड़े हैं। मगर मानव माता डायन बनकर अपनी ही सन्तान का खून करवाती है... ईनाम पाकर खुश - खुश होती है... याद रखिये गर्भपात का दूसरा नाम है मातृत्व की हत्या...!! माता के हाथों अपने ही बच्चे की निर्मम हत्या...!! माताओं ! एक बार आप इस पाप में लिप्त हो गई आपका दिल पत्थर बन जायेगा... फिर वह कभी किसी नंद गोपाल को देखकर प्यार में झूमेगा नहीं... नाचेगा नहीं...! चूंकि आपने एक ऐसे ही नंदगोपाल का खून किया हुआ है अपनी मौज से ! आंदोलन छेडें ! गर्भहत्या भारतीय संस्कृति पर काला धब्बा है । गर्भहत्या मातृत्व की निर्मम हत्या है । गर्भपात मासूम बच्चे का मर्डर है । एड्स से बचने के लिये और संतति नियमन के लिये टी.वी. पर कंडोम्स् के प्रचार बंद करो... - ब्रह्मचर्य का जोर - शोर से प्रचार करो सोनोग्राफी स्त्री हत्या का भयंकर षड्यंत्र है... भ्रूणपरीक्षण बंद करो... जगह-जगह आंदोलन छेड कर भ्रूणपरीक्षण को पवित्र भारत से बाहर खदेड़ो... भ्रूण - हत्या बंद करो। यदि भारत देश की स्त्रियाँ दुर्गा बन कर जागृत हो जाय तो मजाल है इस देश में भ्रूण हत्या चल सकें । उठो ! जागो ! पद्मिनियो ! झांसी की लक्ष्मीबाइयों ! दुर्गा शक्तियों ! 'बेटी' नामक संस्था ने लोक जागृति का आन्दोलन छेड़ा है..... बचाओ... बचाओ...!! | 35 www.ajalimelibrary.org Jain Education International For Personal & Private Use Only
SR No.004218
Book TitleBhrun Hatya Maha Paap Bachao Bachao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRashmiratnasuri
PublisherJingun Aradhak Trust
Publication Year
Total Pages42
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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