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________________ 4. ... अकारान्त (पु.,नपुं.) सप्तमी एकवचन 7/1 . . अपभ्रंश भाषा में अकारान्त पुल्लिंग और नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के सप्तमी विभक्ति एकवचन में 'इ' और 'ए' प्रत्यय जोड़े जाते हैं। जैसेदेव (पु.) (देव+इ) = देवि (सप्तमी एकवचन) (देव+ए) = देवे (सप्तमी एकवचन) कमल (नपुं.)(कमल+इ) = कमलि (सप्तमी एकवचन) (कमल+ए) = कमले (सप्तमी एकवचन) •------ अकारान्त (पु.,नपुं.) तृतीया बहुवचन 3/2 अपभ्रंश भाषा में अकारान्त पुल्लिंग और नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के तृतीया विभक्ति बहुवचन में अन्त्य 'अ' का विकल्प से 'ए' करके उसमें 'हिं' प्रत्यय जोड़ा जाता है। जैसेदेव (पु.) (देवे+हिं) = देवेहिं (तृतीया बहुवचन) कमल (नपुं.)(कमले+हिं) = कमलेहिं (तृतीया बहुवचन) अन्य रूपदेव (पु.) (देव+हिं) = देवहिं (तृतीया बहुवचन) कमल (नपुं.)(कमल+हिं) = कमलहिं (तृतीया बहुवचन) अकारान्त (पु.,नपुं.) पंचमी एकवचन 5/1 अपभ्रंश भाषा में अकारान्त पुल्लिंग और नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के पंचमी विभक्ति एकवचन में 'हे' और 'हु' प्रत्यय जोड़े जाते हैं।जैसेदेव (पु.) (देव+हे) = देवहे (पंचमी एकवचन) (देव+हु) = देवहु (पंचमी एकवचन) कमल (नपुं.)(कमल+हे) = कमलहे (पंचमी एकवचन) (कमल+हु) = कमलहु (पंचमी एकवचन) अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004214
Book TitleApbhramsa Hindi Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages138
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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