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________________ मागधी प्राकृत भाषा 1. अकारान्त (पु.) प्रथमा एकवचन 1/1 मागधी प्राकृत में अकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के प्रथमा विभक्ति एकवचन में 'ए' प्रत्यय जोड़ा जाता है। जैसेदेव (पु.) (देव+ए) = देवे (प्रथमा एकवचन) अकारान्त (पु., नपुं.) षष्ठी एकवचन 6/1 मागधी भाषा में अकारान्त पुल्लिंग व नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के षष्ठी विभक्ति एकवचन में विकल्प से 'श्श' और 'आह' प्रत्यय जोड़े जाते हैं। 2. जैसे देव (पु.) (देव+श्श) = देवश्श (षष्ठी एकवचन) देव (पु.) (देव+आह) = देवाह (षष्ठी एकवचन) अन्य रूप - देवस्स कमल (नपुं.) (कमल+श्श) = कमलश्श (षष्ठी एकवचन) कमल (नपुं.) (कमल+आह) = कमलाह (षष्ठी एकवचन) अन्य रूप - कमलस्स 3. अकारान्त (पु., नपुं) षष्ठी बहवचन 6/2 मागधी भाषा में अकारान्त पुल्लिंग व नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के षष्ठी विभक्ति बहुवचन में विकल्प से 'आह' प्रत्यय जोड़ा जाता है । जैसेदेव (पु.) (देव+आह) = देवाहँ (षष्ठी बहुवचन) कमल (नपुं.) (कमल+आहँ) = कमलाहँ (षष्ठी बहुवचन) (44) प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004204
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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