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________________ एकोनविंश उद्देशक - क्रमविरुद्ध आगम वाचना देने का प्रायश्चित्त - ४०५ शरीर में कोई व्रण या घाव हो जाए, उससे रक्त या मवाद निकलता रहे, उस अवस्था में स्वाध्याय करना निषिद्ध है। यह भिक्षु और भिक्षुणी दोनों से संबद्ध है। भिक्षुणी के लिए मासिक ऋतुधर्म में भी स्वाध्याय करना परिवर्जित है। उसके लिए तीन दिनों का निषेध किया गया है। घाव, अर्श - मसा एवं भगन्दर आदि से निकलते हुए रक्त या मवाद को साफ कर, स्वच्छ कर अपने स्थान से सौ हाथ की दूरी पर परठने का विधान किया गया है। ___ शुद्धिकरण के बाद भी यदि रक्त या मवाद निकलता रहे तो उसमें एक से ले कर तीन तक वस्त्र की पट्टियाँ बांध कर स्वाध्याय करने का विधान है। यदि रक्त या मवाद तीसरी पट्टी तक पहुंच जाए तो पुनः शुद्धि करना आवश्यक है। व्यवहार सूत्र* में ऋतुधर्म में भी वाचना देने-लेने का विधान हुआ है। उस संबंध में भाष्य* में स्पष्ट किया गया है कि रक्त आदि की शुद्धि करके आवश्यकतानुरूप रक्तस्राव के स्थान में एक से सात तक वस्त्रपट्ट लगा कर वाचना का आदान-प्रदान किया जा सकता है। . क्रमविरुद्ध आगम वाचना देने का प्रायश्चित्त - जे भिक्खू हेट्ठिलाई समोसरणाई अवाएत्ता उवरिल्लाई समोसरणाई वाएइ. वाएंतं वा साइज्जइ॥ १७॥ . जे भिक्खू णव बंभचेराई अवाएत्ता उवरिं सुयं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ॥ १८॥ कठिन शब्दार्थ - हेछिल्लाई - अधस्तनानि - नींवस्थानीय - प्रारंभिक, समोसरणाई - सूत्र एवं अर्थ को, अवाएत्ता - वाचना नहीं दे कर, उवरिलाई - उत्तरकालिक - पश्चात् वाचना देने योग्य, णव बंभचेराई - नव ब्रह्मचर्य - आचारांग सूत्र के प्रथम श्रुतस्कंधगत शस्त्र परिज्ञा से उपधानश्रुत पर्यन्त नौ अध्ययन, उवरिं सुयं - ऊपरि श्रुत - पश्चात् अध्यापनीय (छेदादि)। भावार्थ - १७. जो भिक्षु प्रारंभिक सूत्रार्थ की वाचना दिए बिना पश्चात् वाचना दिए जाने योग्य सूत्रों की (पहले) वाचना देता है अथवा देने वाले का अनुमोदन करता है। * व्यवहार सूत्र, उद्देशक-७, सूत्र-१७ * व्यवहार भाष्य, गाथा - ३९०-३९४ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004200
Book TitleNishith Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2007
Total Pages466
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nishith
File Size9 MB
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