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________________ क्रं० विषय २१. कर्कश वचन बोलने का प्रायश्चित्त २२. मृषावाद का प्रायश्चित्त २३. अदत्तादान का प्रायश्चित्त २४. देहसज्जा का प्रायश्चित्त २५. अखण्डित चर्म रखने का प्रायश्चित्त २६. बहुमूल्य वस्त्र धारण करने का प्रायश्चित्त २७. अखण्डित वस्त्र लेने रखने का प्रायश्चित्त २८. पात्र - निर्मापन आदि का प्रायश्चित्त २९. दण्ड आदि के निर्मापन आदि का प्रायश्चित्त ३०. अन्यों द्वारा गवेषित पात्र लेने का प्रायश्चित्त ३१. नित्यप्रति, नियत अग्रपिण्ड ग्रहण का प्रायश्चित्त ३२. दानार्थ तैयार किए गए आहार ग्रहण का प्रायश्चित्त ३३. नित्य - प्रवास - विषयक प्रायश्चित्त ३४. पूर्व-पश्चात् प्रशंसा करने का प्रायश्चित्त ३५. भिक्षाकाल से पूर्व स्वजन - गृहप्रवेश का प्रायश्चित्त ३६. अन्यतीर्थिक आदि के साथ भिक्षाचर्या आदि हेतु गमन-विषयक प्रायश्चित्त [19] - Jain Education International ३७. मनोनुकूल प्रासुक जल पीने एवं मनः प्रतिकूल जल परठने का प्रायश्चित्त ३८. मनोनुकूल प्रासुक आहार सेवन एवं मनःप्रतिकूल आहार परिष्ठापन का प्रायश्चित्त ३९. अवशिष्ट आहार-परिष्ठापन विषयक प्रायश्चित्त ४०. शय्यातर - पिण्ड लेने एवं सेवन करने का प्रायश्चित्त ४१. सागारिक की जानकारी नहीं करने का प्रायश्चित्त ४२. सागारिक की नेश्राय से आहार ग्रहण का प्रायश्चित्त ४३. कालातिक्रान्त रूप में शय्या संस्तारक सेवन का प्रायश्चित्त ४४. वर्षा से भीगते हुए शय्या - संस्तारक को न हटाने का प्रायश्चित्त ४५. बिना आज्ञा शय्या - संस्तारक बाहर ले जाने का प्रायश्चित्त ४६. शय्या - संस्तारक यथाविधि प्रत्यर्पित न करने का प्रायश्चित्त For Personal & Private Use Only पृष्ठ २६ २७ २७ २८ २८ २९ ३० ३१ ३१ ३१ ३३ ३४ ३५ ३६ ३७ ३८ ४१ ४२ ४२ ४४ ४५ ४६ ४७ ४८ ४९ ५१ www.jainelibrary.org
SR No.004200
Book TitleNishith Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2007
Total Pages466
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nishith
File Size9 MB
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