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________________ १६० EFFEK १. सौधर्म देवलोक का इन्द्र शक्रेन्द्र २. ईशान देवलोक का इन्द्र ईशानेन्द्र ३. सनत्कुमार देवलोक का इन्द्र सनत्कुमारेन्द्र ४. माहेन्द्र देवलोक का इन्द्र माहेन्द्र ५.. ब्रह्मलोक देवलोक का इन्द्र ब्रह्मलोकेन्द्र ६. लान्तक देवलोक का इन्द्र लान्तकेन्द्र ७. शुक्र देवलोक का इन्द्र शुक्रेन्द्र ८. सहस्रार देवलोक का इन्द्र सहस्रारेन्द्र ९-१०. आणत और प्राणत देवलोक का इन्द्र प्राणतेन्द्र नाम १. पिशाच ११-१२. आरण और अच्युत देवलोक का इन्द्र अच्युतेन्द्र नववें दसवें देवलोक का एक इन्द्र है इसी प्रकार ग्यारहवें तथा बारहवें देवलोक का भी - एक ही इन्द्र है। यद्यपि ज्योतिषियों के इन्द्र सूर्य और चन्द्र असंख्यात हैं किन्तु यहाँ जाति की अपेक्षा ज्योतिषियों के दो ही इन्द्र लिये गये हैं। यथा चन्द्र इन्द्र और सूर्य इन्द्र । वाणव्यन्तरों के ३२ इन्द्र हैं वे इस प्रकार हैं २. भूत ३. यक्ष ४. राक्षस ५. किन्नर ६. किम्पुरुष ७. महोरग समवायांग सूत्र कल्पोपन्न बारह देवलोकों के दस इन्द्र ८. गन्धर्व ९. आणपणे (आणपण्णिक) १०. पाणपण्णे (पाणपण्णिक) ११. इसिवाई (ऋषिवादी) Jain Education International - दक्षिण का इन्द्र काल सुरूप पूर्णभद्र भीम किन्नर सत्पुरुष अतिकाय गीतरति सन्निहित धाता ऋषि For Personal & Private Use Only उत्तर का इन्द्र महाकाल प्रतिरूप माणिभद्र महाभीम किम्पुरुष महापुरुष महाकाय गीतयश सामान्य विधाता ऋषिपाल www.jainelibrary.org
SR No.004182
Book TitleSamvayang Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2007
Total Pages458
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_samvayang
File Size10 MB
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