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________________ २७ वैराज्य एवं विरुद्धराज्य में पुनः-पुनः गमनागमन निषेध कठिन शब्दार्थ - वासावासासु - वर्षावास - चातुर्मास में, चारए - चरणशील होना - विहार करना। भावार्थ - ३५. साधु-साध्वियों को प्रावृट्काल में - चातुर्मास में विहार करना नहीं कल्पता। ३६. उन्हें हेमन्त और ग्रीष्म ऋतु में विहार करना कल्पनीय होता है। विवेचन - हरियाली की बहुलता, नदी-नाले आदि की प्रचुरता, वानस्पतिक जीवों की अधिकता तथा अनिश्चित जलवर्षण, विद्युतपात, प्रतिकूल मौसम इत्यादि हिंसा बहुल तथा संयम साधना में बाधक दुर्गम, दुस्सह हेतुओं के कारण प्रावृट् के चार मास विहार के लिए निषिद्ध हैं। इस समय का सदुपयोग स्वाध्याय, तपश्चरण तथा साधना के अभ्यास में हो, यह वांछित है। वैराज्य एवं विरुद्धराज्य में पुनः-पुनः गमनागमन निषेध - णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा वेरज्जविरुद्धरजंसि सज्जं गमणं सज्ज आगमणं सज्जं गमणागमणं करित्तए, जो खलु णिग्गंथो वा णिग्गंथी वा वेरज्जविरुद्धरजंसि सज्जं गमणं सज्जं आगमणं सज्जं गमणांगमणं करेइ करेंतं वा साइज्जइ, से दुहओ वीइक्कममाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं ॥३७॥ कठिन शब्दार्थ - वेरज - वैराज्य-राजा रहित (अराजकतापूर्ण), विरुद्धरजंसि - पारस्परिक शत्रुता युक्त राज्य में, सजं - सद्यः - तत्काल या शीघ्र, साइजइ - अनुमोदन करता है (स्वदते-स्वाद लेता है), अइक्कममाणे - अतिक्रमण करता है, आवजइ - भागी होता है - प्राप्त करता है। भावार्थ - ३७. निर्ग्रन्थ-निर्ग्रन्थिनियों को वैराज्य और विरुद्ध राज्य में पुनः-पुनः जाना, आना तथा गमनागमन - जाना-आना नहीं कल्पता है। ___ वैराज्य और विरुद्ध राज्य में जो साधु-साध्वी बार-बार (शीघ्र-शीघ्र) ज. हैं, आते हैं अथवा आना-जाना करते हैं तथा ऐसा करने वाले का अनुमोदन करते हैं, वे दोनों - तीर्थंकर और राजा की आज्ञा की अतिक्रमण करते हुए अनुद्घातिक चातुर्मासिक प्रायश्चित्त स्थान के भागी होते हैं। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004177
Book TitleTrini Ched Sutrani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2007
Total Pages538
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, & agam_dashashrutaskandh
File Size11 MB
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