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________________ आवश्यक सूत्र - चतुर्थ अध्ययन १. कृत पापों की आलोचना करना निंदा करना, प्रतिक्रमण है। २. व्रत, प्रत्याख्यान आदि में लगे दोषों से निवृत्त होना । ३. अशुभयोग से निवृत्त होकर नि:शल्य भाव से शुभ योग में उत्तरोत्तर प्रवृत्त होना, प्रतिक्रमण है। ५४ ४. मिथ्यात्व, अविरति, प्रमाद, कषाय और अशुभयोग से आत्मा को हटा कर फिर से सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक् चारित्र में लगाना प्रतिक्रमण कहलाता है । ५. पाप क्षेत्र से वापस आत्म शुद्धि क्षेत्र में लौट आने को प्रतिक्रमण कहते हैं । प्रतिक्रमण के भेद 1 सामान्य रूप से प्रतिक्रमण दो प्रकार का है १. द्रव्य प्रतिक्रमण और २. भाव प्रतिक्रमण | द्रव्य प्रतिक्रमण का अर्थ है १. द्रव्य प्रतिक्रमण अंतरंग उपयोग रहित, केवल परंपरा के आधार पर पुण्य फल की इच्छा रूप प्रतिक्रमण करना अर्थात् अपने दोषों 'की पाठों से शब्द रूप आलोचना कर लेना और दोष शुद्धि का कुछ भी विचार नहीं करना, द्रव्य प्रतिक्रमण है। लब्धि आदि के निमित्त से किया जाने वाला प्रतिक्रमण भी द्रव्य प्रतिक्रमण ही है । - - Jain Education International २. भाव प्रतिक्रमण - भाव प्रतिक्रमण का अर्थ है - अंतरंग उपयोग के साथ, लोक परलोक की चाह रहित, यशकीर्ति सम्मान आदि की अभिलाषा नहीं रखते हुए एक मात्र अपनी आत्मा को कर्ममल से विशुद्ध बनाने के लिये जिनाज्ञा अनुसार किया जाने वाला प्रतिक्रमण भाव प्रतिक्रमण होता है। - प्रमादवश जो अतिचार - दोष या पाप लगा है उस पाप को अकरणीय समझ कर दुबारा जानते हुए कभी नहीं करने का निश्चय करना या उन दोषों का दुबारा सेवन नहीं करना और सदा सावधान रहना, भाव प्रतिक्रमण है। दोषों का एक बार प्रतिक्रमण करके उसका बार-बार सेवन करते रहना और उनकी शुद्धि के लिये बार-बार प्रतिक्रमण करते रहना यथार्थ प्रतिक्रमण नहीं है। ऐसा करना कुम्हार के बर्तनों को कंकर द्वारा बार-बार फोड़ कर माफी मांगने, मिच्छामि दुक्कडं देने के समान है । भाव प्रतिक्रमण के बिना द्रव्य प्रतिक्रमण से वास्तविक लाभ प्राप्त नहीं होता । भाव For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004176
Book TitleAavashyak Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2007
Total Pages306
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aavashyak
File Size6 MB
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