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________________ 86. अस्मदो हमहमहअं सौ 6/40 अस्मदो हमहमहअं सौ { (अस्मदः) + (हम्) + (अहम्) + (अहअं) } सौ अस्मदः (अस्मद्) 6/1 हम् → हं (हं) 1/1 अहम् → अहं (अहं) 1/1 अहअं (अहअं) 1/1 सौ (सु) 7/1 अस्मद् → अम्ह के सु परे होने पर 'हं', 'अहं', 'अहअं' (होते हैं)। अस्मद् → अम्ह के सु (प्रथमा एकवचन का प्रत्यय) परे होने पर (अम्ह और सु के स्थान पर) 'हं', 'अहं', 'अहअं' होते हैं। (अम्ह + सु) : हं, अहं, अहअं (प्रथमा एकवचन) 87. अहम्मिरमि च 6/41 अहम्मिरमि च { (अहम्मिः ) + (अमि) } च अहम्मिः (अहम्मि) 1/1 अमि (अम्) 7/1 च : और अम् परे होने पर 'अहम्मि' (होता है) और। अस्मद् → अम्ह के अम् (द्वितीया एकवचन का प्रत्यय) परे होने पर 'अहम्मि' होता है और सु (प्रथमा एकवचन का प्रत्यय) परे होने पर भी (अम्ह और सु, अम्ह और अम् के स्थान पर) 'अहम्मि' होता है। (अम्ह + अम्) : अहम्मि (द्वितीया एकवचन) (अम्ह + सु) : अहम्मि (प्रथमा एकवचन) 88. मं ममं 6/42 .. मं (म) 1/1 ममं (मम) 1/1 'म', 'मम' (होता है)। अस्मद् → अम्ह के अम् (द्वितीया एकवचन का प्रत्यय) परे होने पर (अम्ह और अम् के स्थान पर) 'मं', 'मम' होता है। (अम्ह + अम्) : में, ममं (द्वितीया एकवचन) 89. अम्हे जश्श्सोः 6/43 अम्हे जश्श्सोः अम्हे { (जस्) + (शसोः) } अम्हे (अम्हे) 1/1 { (जस्) + (शस्) 7/2 } जस्, शस् परे होने पर 'अम्हे' (होता है)। वररुचिप्राकृतप्रकाश (भाग - 1) (39) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004169
Book TitleVarruchi Prakrit Prakash Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Seema Dhingara
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2010
Total Pages126
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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