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________________ 110 परिशिष्ट - १ जैनन्यायपञ्चाशत्याः पारिभाषिकशब्दास्तेषामर्थाश्चजैनन्यायपञ्चाशती के पारिभाषिक शब्द और उनके अर्थ अर्थ शब्द १. अधिष्ठान २. आप्त ३. उपादेय ४. असत्कार्यवादः ५. उपघातः ६. अनुग्रहः ७. औपपातिकः ८. आधान ९. अप्राप्यकारी १०. अर्पिता ११. न्याय १२. तत्त्वबुभुत्स १३. प्रत्यूह १४. प्रतिबन्धक १५. शारदा १६. प्रमाण १७. प्रमेय १८. उपादेयता १९. ज्ञप्ति २०. हान २१. नान्तरीयकता २२. व्यवसायी २३. हेयम् Jain Education International आधार यथार्थवादी प्रामाणिक व्यक्ति उपयोगी कार्य अपनी उत्पत्ति से पूर्व असत् रहता है। ऐसा मानने वाला सिद्धान्त प्रतिकूल प्र अनुकूल स्थित या कृपा. आरोपित प्रस्थापित विषय से सम्बन्ध किये बिना उसका बोध कराने वाली इन्द्रिय, जैसे चक्षु । दी गई प्रभाव के द्वारा अर्थ की परीक्षा करना तत्त्व को जानन का अच्छुक विघ्न रोकने वाला सरस्वती यथार्थ ज्ञान का साधन ( यथार्थज्ञान) जिसे जाना जाय (ज्ञान का विषय) उपयोगिता ज्ञान त्याग आवश्यकता 'निश्चय करने वाला त्यागने योग्य जैनन्यायपञ्चाशती For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004165
Book TitleJain Nyaya Panchashati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishwanath Mishra, Rajendramuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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