SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 233
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ स्वरूप देशना पृष्ठ 221, (9) प्रवचनसार- कुन्दकुन्दाचार्यजी (क) परिणमदि जेणदव्वं...मुणेयव्वो ॥8॥ स्वरूप देशना पृष्ठ 350, (10) दोहा पाहुड-कुन्दकुन्दाचार्यजी (क) अंतोणत्थि सुदीणं....स्वयं कुणइ ॥ 146 ॥ स्वरूप देशना पृष्ठ 304, (11) सुत्त पाहुड- कुन्दकुन्दाचार्यजी (क) णवि सिज्झई ....उमग्गयासव्वे ||23 ॥ स्वरूप देशना पृष्ठ 355, (12) अष्ट पाहुड- कुन्दकुन्दाचार्यजी (क) अज्ज वितिरयणसुद्धा........... णिव्वुदिति ॥77 || स्वरूप देशना पृष्ठ 399, (13) परीक्षामुख-माणिक्यनंदिजी (क) प्रतिनियतमर्थं व्यवस्थाप्यति॥ सूत्र 9॥ स्वरूप देशना 33, परीक्षामुख-माणिक्यनंदिजी (ख) हिताहित प्राप्ति...... ज्ञानमेव तत् ॥ सूत्र 2 || स्वरूप देशना 120, परीक्षामुख- माणिक्यनंदिजी (ग) स्वावरण क्षयोपशम....व्यवस्थापयति ॥ सूत्र 9॥ स्वरूप देशना 142, , परीक्षामुख- माणिक्यनंदिजी (घ) उपलम्भानुपलभ्भ...ज्ञानमूहं॥ सूत्र 7 || स्वरूप देशंना 216, परीक्षामुख- माणिक्यनंदिजी (ड) आप्त वचनानि.....ज्ञानमागमः ॥ सूत्र 7 ॥ स्वरूप देशना 220, परीक्षामुख- माणिक्यनंदिजी (च) साधनात्साध्य....... मनुमानम् ॥ सूत्र 90 ॥ स्वरूप देशना 366, (14)जिनेन्द्र व्याकरण - पूज्यपादाचार्य (क) “स्वतंत्रतः कर्ता स्वरूप देशना 43, (15) इष्टोपदेश- पूज्यपादाचार्य (क) भवन्तिप्राप्य....प्रार्थनावृथा ॥18॥ स्वरूप देशना 164, इष्टोपदेश- पूज्यपादाचार्य (ख) विराधकःकथं.... दंडेन पात्यते स्वरूप देशना 234, इष्टोपदेश- पूज्यपादाचार्य (ग) यो यत्रनिवसन्नास्ते.... गच्छति ॥43 ॥ स्वरूप देशना 335, स्वरूप देशना विमर्श 217 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004155
Book TitleSwarup Deshna Vimarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishuddhsagar
PublisherAkhil Bharatiya Shraman Sanskruti Seva samiti
Publication Year
Total Pages264
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy