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________________ 84-89 90-114 - 115-132 133-140 141-150 - 151-161 162-167 12. डा० श्री भागचन्द्र जैन 'भास्कर' "स्वरूप देशना के परिप्रेक्ष्य में सिद्ध परमात्मा मुक्त हैं या अमुक्त एक ऊहापोह" 13. श्रमण मुनिश्री सुप्रभ सागर जी "द्रव्य दृष्टि पर्याय-दृष्टिः स्वरूप देशना के परिप्रेक्ष्य में" 14. पं० डा० श्री रमेश चन्द्र जैन, मुरार (ग्वालियर) "स्वरूप देशना में सूक्तियाँ एवं नीति वाक्य" 15. पं० श्री सोनल के.शास्त्री ... "स्वरूप देशना में प्रमाण-प्रमेय व्याख्या" 16. डा० शेखर चन्द्र जैन, अहमदाबाद (गुजरात) "मिथ्यात्व की करामातः स्वरूप देशना के आलोक में" 17. पं० श्री राजेन्द्र कुमार 'सुमन' सागर (म० प्र०) "स्वरूप देशना में द्वैत - अद्वैत भाव" 18. इंजी. श्री दिनेश जैन, भिलाई "स्वरूप देशना में श्रावकाचार की व्यवस्था" 19. पं० श्री वीरेन्द्र कुमार जैन 'शास्त्री' आगरा (उ० प्र०) "स्वरूप देशना में कषाय एवं परिणाम विशुद्धि एक दृष्टि" 20. डा० सनत कुमार जैन, जयपुर (राज.) "आचार्य अकलंक देव द्वारा रचित कृतियों में स्वरूप- सबोधन का वैशिष्ट्य" 21. डा० सुशील जैन, कुरावली "द्रव्य स्वतंत्रता- अनुचिन्तन" 22. पं० श्री हजारी लाल जैन, आगरा (उ० प्र०) "मोहाविष्ट एवं भूताविष्ट पर एक दृष्टि" 23. पं० श्री निहाल चन्द्र ‘चन्द्रेश' ललितपुर (उ० प्र०) _ "स्वरूप देशना में जिनशासन - नमोऽस्तु शासन" 24. श्री प्रदीप कुमार जैन, मुंबई (महाराष्ट्र) "स्वरूप-देशना की जीवन में उपयोगिता एवं महत्व" । 25. ब्र० श्री जयकुमार जी निशांत "स्वरूप देशना में- मंगलाचरण वैशिष्ट्य" 26. पं० श्री पवन कुमार जैन शास्त्री "स्वरूप-देशना मेरी दृष्टि में" 168-177 178-181 182-186 187-190 191-195 196-200 201-211 212-246 (vi) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004155
Book TitleSwarup Deshna Vimarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishuddhsagar
PublisherAkhil Bharatiya Shraman Sanskruti Seva samiti
Publication Year
Total Pages264
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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