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________________ आगम (४०) प्रत सूत्रांक [-] दीप अनुक्रम [-] आवश्यक ॥१६२॥ “आवश्यक”- मूलसूत्र-१ (मूलं+निर्युक्तिः+वृत्तिः) अध्ययनं [-], मूलं [− / गाथा-], निर्युक्ति: [ ४०४], भाष्यं [४३...], Education intimation बलदेववासुदेवा अद्वेष हवंति गोयमसगुप्ता । नारायणपत्रमा पुण कासवगुसा मुणेअब्वा ॥ ४०४ ॥ निगदसिद्धा ॥ वासुदेवबलदेवानां यथोपन्यासमायुःप्रतिपादनायाह सीई १ बिसत्तरि २ सही ३ तीसा य ४ दस ५ य लक्खाई । पण्णडि सहस्साई ६ छप्पण्णा ७ बारसे ८ गं च ९ ॥ ४०५ ॥ पंचासीई १ पण्णत्तरी अ २ पण्णडि ३ पंचवण्णा ४ य । सत्तरस सयसहस्सा ५ पंचमए आउअं होइ ॥ ४०६ ॥ पंचासीइ सहस्सा ६ पण्णठ्ठी ७ तह य वेव पण्णरस ८ । बारस सयाई ९ आउं बलदेवाणं जहासंखं ॥ ४०७ ॥ निगदसिद्धाः ॥ साम्प्रतममीषामेव पुराणि प्रतिपाद्यन्ते - तत्र --- पोअण १ बारवइतिगं ४ अस्सपुरं ५ तह य होइ चपुरं ६ । वाणारसि ७ रायगि ८ अपच्छिमो जाओ महुराए ९ ॥ ४०८ ॥ निगदसिद्धा । एतेषां मातापितृप्रतिपादनायाह- मिगावई १ उमा चैव २, पुहवी ३ सीआ य ४ अम्मया ५ । लच्छीमई ६ सेसमई ७, केगमई ८ देवई ९ इअ ॥ ४०९ ॥ भद्द १ सुभद्दा २ सुप्पभ ३ सुदंसणा ४ विजय ५ वैजयंती ६ अ । तह य जयंती ७ अपराजिआ ८ य तह रोहिणी ९ चैव ॥ ४१० ॥ मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित वासुदेव बलदेवादिनां आयुः, नगरी, माता आदिनाम् नाम-निर्देश: For Funny हारिभद्रीयवृत्तिः विभागः १ आगमसूत्र - [४०], मूलसूत्र - [०१] “आवश्यक" मूलं एवं हरिभद्रसूरि-रचित वृत्तिः ~327~ ॥ १६२॥ wor
SR No.004141
Book TitleAagam 40 AAVASHYAK Moolam evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2015
Total Pages1736
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_aavashyak
File Size374 MB
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