SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1430
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आगम आवश्यक”- मूलसूत्र-१ (मूलं+नियुक्ति:+वृत्ति:) अध्ययन [४], मूलं [सू.] / [गाथा-], नियुक्ति: [१३०४] भाष्यं [२०६...], (४०) प्रत सूत्रांक [सू.] आवश्यकता साद जाया, एसा भावपणिहिसि । पणिहित्ति गर्य १८।जहा इयाणि सुविहित्ति, सुविहीए जोगा संगहिया, विधिरनुज्ञादा प्रतिक हारिभ- विधी जस्स इहा, शोभनो विधिः सुविधिः, तत्रोदाहरणं जहा सामाइयनिनुत्तीए अणुकपाए अक्खाणर्ग मणाध्यक द्रीया बारवई वेयरणी धन्वंतरि भविय अभविए विजे । कहणा य पुच्छियमिय गइनिइसे य संयोही॥१३०५॥ योगसं० ॥७१शा सो वानरजूहबई कतारे सुविहियाणुकंपाए । भासुरवरबोंदिधरो देवो माणिओ जाओ (८४७) ॥१३०६॥ १९सुविधी जाव साहू साहरिओ साहूण समीवं । सुविहित्ति गयं १९ । इयाणि संवरेत्ति, संवरेण जोगा संगहिति, तस्थ वैतरणी क धा२०संवपडिवक्खेणं उदाहरणगाहा रेनन्दश्री वाणारसी य कोढे पासे गोवालभइसेणे य । नंदसिरी पउमसिरी रायगिहे सेणिए वीरो ॥ १३०७॥ व्याख्या कथानकादवसेया, तच्चेदं-रायगिहे सेणिएण बदमाणसामी पुच्छिओ, एगा देवी णट्टविहिं उवदसेत्ता गया है का एसा, सामी भणइ-वाणारसीए भदसेणो जुन्नसेट्ठी, तस्स भज्जा नंदा, तीए धूया नंदसिरी वरगविवज्जिया, सापू जाती, एषा भावप्रणिधिरिति । प्रणिधिरिति गतं, हवानी सुविधिरिति, सुविभिना योगाः संगृमन्ते, विधिर्यथा यस्पेष्टः, मथा सामायिकनियुको अनुकम्पावामाख्यान-धारवती वैतरणिः धन्वन्तरिभवोऽमण्यन वैयौ । कमर्म र पृष्टे च गतिनिर्देशन संबोधिः ॥ 1 ॥ स वानरयूथपतिः ॥७१शा कान्तारे सुविहितानुकम्पया। भासुरवरबोन्दीधरो देवो वैमानिको जातः ॥ २ ॥ यावत् साधुः संहृतः साधूनां समीपं सुविधिरिति गतं । इदानी संवर इति, संवरेण योगाः संगृह्यन्ते, तत्र प्रतिपक्षेणोदाहरणयाथा । राजगृहे श्रेणिकेन वर्धमानस्वामी प्रष्टः, एका देवी नृत्यविधिमुपदय गता कैषा , स्वामी भणति-वाराणस्या भवसेनो जीर्णश्रेष्ठी, सस्य भार्या नन्दा, तस्या दुहिता नन्दधीरिति, वरविवर्जिता दीप अनुक्रम [२६] ~1429~
SR No.004141
Book TitleAagam 40 AAVASHYAK Moolam evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2015
Total Pages1736
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_aavashyak
File Size374 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy