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________________ आगम (१४) “जीवाजीवाभिगम" - उपांगसूत्र-३ (मूलं+वृत्ति:) प्रतिपत्ति : [३], ----- ------------ उद्देशक: [(द्वीप-समुद्र)], ----- ------- मूलं [१४२] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..........आगमसूत्र - [१४], उपांग सूत्र - [३] "जीवाजीवाभिगम" मूलं एवं मलयगिरि-प्रणीत वृत्ति: प्रत सूत्रांक [१४२] दीप अनुक्रम [१८०] उवा० लोमहत्थगं गेण्हति २ दारचेडीओ य सालिभंजियाओ य वालरूवए य लोमहत्थगेण पमजति २दिव्वाए उदगधाराए अभुक्खेति २ सरसेणं गोसीसचंदणेणं जाव चच्चए दलयति २ आसत्तोसत्त० कयग्गाह० धूवं दलयति २ जेणेव मुहमंडवगस्स उत्तरिल्ला णं खंभपंती तेणेध उवागच्छइ २ लोमहत्वगं परा सालभंजियाओ दिवाए उदगधाराए सरसेणं गोसीसचंदणेणं पुप्फामहणं जाब आसत्तोसत्त० कथग्गाह धूवं दलयति जेणेव मुहमंडवस्स पुरस्थिमिल्ले दार तं बसचं भाणियब्वं जाब द्वारस्स अचणिया जेणेच दाहिणिल्ले दारे तं चेव जेणेव पेच्छाघरमंडधस्स बहुमज्झदेसभाए जेणेव बरामए अक्वाडए जेणेव मणिपेढिया जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छति र लोमहत्वगं गिण्हति लोमहत्थगं गिमिहत्ता अक्खाडगे च सीहासणं च लोमहत्वगेण पमजति २त्ता दिव्याए उदगधाराए अन्भु पुप्फारुणं जाव धूवं दलयति जेणेच पेच्छाघरमंडवपञ्चथिमिल्ले दारे दारञ्चणिया उत्सरिल्ला खंभपंती तहेव पुरस्थिमिल्ले दारे तहेव जेणेव दाहिणिल्ले दारे तहेव जेणेव चेतियथूभे तेणेव उवागच्छति २त्ता लोमहत्वगं गेण्हति २त्ता चेतियथुभं लोमहत्वएणं पमजति २दिव्बाए दग० सरसेण पुप्फारहणं आसत्तोमत्त जाच धूवं दलयति २ जेणेव पञ्चत्थिमिल्ला मणिपेडिया जेणेच जिणपडिमा तेणेव उवागच्छति जिणपडिमाए आलोए पणामं करेइ २त्ता लोमहत्वगं गेण्हति २त्ता तं विजयदेव-कृता जिन-पूजा-अधिकार ~ 504~
SR No.004114
Book TitleAagam 14 JIVAJIVABHIGAM Moolam evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2014
Total Pages938
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_jivajivabhigam
File Size230 MB
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