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________________ आगम (०८) “अन्तकृद्दशा” - अंगसूत्र-८ (मूलं+वृत्ति:) वर्ग: [-], ----------------------- अध्ययनं [-]--------- -------- मूलं [-] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित.........आगमसूत्र - [०८], अंग सूत्र - [०८] “अन्तकृद्दशा" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्ति: अहम्। प्रत सूत्राक दीप अनुक्रम श्रीमच्चन्द्रकलीन श्रीमदभयदेवाचार्य विहितविवरणयुतं अन्तकृद्दशाङ्ग सूत्रम् प्रकाशयित्री हेसाणा धारका श्रेष्टि वीकपकाल हीराचंद श्रेष्ठि गुलाबचन्द्र हर्षचन्दपली उमीया कोर विहितसाहाय्येन श्रेष्ठि वेणिचन्द्र सुरचन्द्रद्वारा आगमोदय समितिः॥ एवं पुस्तकं पुणामध्ये आर्यभूषण यन्त्रालये म्यानेजर अनंत विनायक पटवर्धन द्वारा मुद्रापितम् ॥ चौरसंवत् २४४६. विक्रमसंवत् १९७६. क्राइस्ट सन् १९२० पण्यंः-१०-० दशकमाणकानाम् । अन्तकृद्दशाङ्गसूत्रस्य मूल “टाइटल पेज" ~1~
SR No.004108
Book TitleAagam 08 ANTKRUT DASHA Moolam evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2014
Total Pages69
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_antkrutdasha
File Size15 MB
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