SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 886
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आगम (०५) प्रत सूत्रांक [३७३] टीप अनुक्रम [ ४५३ ] व्याख्या प्रज्ञप्तिः अभयदेवीया वृत्तिः २ ॥४४०॥ "भगवती" - अंगसूत्र -५ ( मूलं + वृत्तिः ) शतक[९] वर्ग [-] अंतर-शतक [-] उद्देशक [३२] मूलं [३३] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित आगमसूत्र [०५], अंग सूत्र [०५] "भगवती मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्तिः भाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होजा १३ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे घूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होला | १४ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे तमाए एगे असन्तमाए होला १५ अहवा एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा १६ अहवा एगे सकरप्पभाए एगे वालपपभाए एगे धूमप्पभाए होजा १७ जाव अहवा एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा १९ अहवा एगे सकरप्पभाए एगे पंकल्पभाए एगे धूमप्पभाए होला २० जाय अहवा एगे सकर० एगे पंक० एगे असत्तमाए होजा २२ अहवा एगे सकरप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होला २३ अहवा एगे सकरप्पभाए एगे धूमप्प० एगे आहेसत्तमाए होजा २४ अहवा एगे सकरप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा २५ अहवा पुगे वालुप्पभाए एगे पंकष्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा २६ अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे तमाए होला २७ अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे असत्तमाए होला २७ अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होला २९ अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे असत्तमाए होला ३० अहवा एगे बालुयप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होला ३१ अहवा एगे पंकल्पभाए एगे घूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा ३२ अहवा एगे पंकष्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे असत्तमाए होला ३३ अहवा एगे पंकप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होखा ३४ अहवा एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेससमाए होज्जा | ३५ ॥ चत्तारि भंते ! नेरइया नेरइयपवेसणएणं पविसमाणा किं रयणप्पभाए होज्जा ? पुच्छा, गंगेया । स्प- । Eaton International For Pale Only *** अत्र सू.३७३ एव वर्तते, मूल संपादकस्य स्खलनत्वात् सू. ३७२ लिखितं, तस्मात् सू. ३७२ स्थाने सू. ३७३ एव जानीत पार्श्वपत्य गांगेय - अनगारस्य प्रश्नाः ~ 885~ ९ शतके उद्देशः ३२ एकादिजीचप्रवेशाधि. सू २७२ ||४४०॥
SR No.004105
Book TitleAagam 05 BHAGVATI Moolam evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2014
Total Pages1967
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size424 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy