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________________ १६८ प्रज्ञापना सूत्र भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! देवियों में कितनी लेश्याएं होती हैं?.... उत्तर - हे गौतम! देवियों में चार लेश्याएं होती हैं, वे इस प्रकार हैं - कृष्ण लेश्या से लेकर तेजो लेश्या तक। भवणवासीणं भंते! देवाणं पुच्छा? गोयमा! एवं चेव। भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! भवनवासी देवों में कितनी लेश्याएँ कही गई हैं ? उत्तर - हे गौतम! इसी प्रकार पूर्ववत् इनमें चार लेश्याएं होती हैं। एवं भवणवासिणीण वि। भावार्थ - इसी प्रकार भवनवासी देवियों में भी चार लेश्याएं समझनी चाहिए। वाणमंतरदेवाणं पुच्छा? गोयमा! एवं चेव। भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! वाणव्यंतर देवों में कितनी लेश्याएं कही गयी हैं ? उत्तर - हे गौतम! इसी प्रकार चार लेश्याएं समझनी चाहिए। एवं वाणमंतरीण वि। भावार्थ - वाणव्यन्तर देवियों में भी ये ही चार लेश्याएं समझनी चाहिए। जोइसियाणं पुच्छा? गोयमा! एगा तेउलेस्सा। भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! ज्योतिषी देवों में कितनी लेश्याएं होती हैं ? उत्तर - हे गौतम! ज्योतिषी देवों में एक मात्र तेजो लेश्या होती है। एवं जोइसिणीण वि। भावार्थ- इसी प्रकार ज्योतिषी देवियों के विषय में जानना चाहिए। वेमाणियाणं पुच्छा? गोयमा! तिण्णि० तंजहा-तेउलेस्सा, पम्हलेस्सा, सक्कलेस्सा। भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! वैमानिक देवों में कितनी लेश्याएँ कही गयी हैं ? उत्तर - हे गौतम! वैमानिक देवों में तीन लेश्याएँ कही गयी हैं - १. तेजो लेश्या २. पद्म लेश्या और ३. शुक्ल लेश्या। वेमाणिणीणं पुच्छा? । . Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004095
Book TitlePragnapana Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages412
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size9 MB
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