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________________ २६९६ भगवती मूत्र-श. १८ उ. ४ कृतादि युग्म चतुष्क भावार्थ-३ प्रश्न-हे भगवन् ! कितने युग्म (राशि) कहे गये हैं ? ३ उत्तर-हे गौतम ! चार युग्म कहे गये हैं। यथा-कृतयुग्म, त्र्योज, द्वापरयुग्म, कल्योज। प्रश्न-हे भगवन् ! किस कारण से इनको इन नामों से कहा गया है ? उत्तर--हे गौतम ! जिस राशि में से चार-चार निकालते हुए अन्त में चार शेष रहें, वह राशि 'कृतयुग्म' कहलाती है। जिस राशि में से चार-चार निकालते हुए अन्त में तीन शेष रहें, वह राशि 'योज' कहलाती है । जिस राशि में से चार-चार निकालते हुए अन्त में दो शेष रहें, वह राशि द्वापरयुग्म' कहलाती है और जिस राशि में से चार-चार निकालते हुए अन्त में एक शेष रहे, . वह राशि 'कल्योज' कहलाती है । इसलिए है गौतम ! यावत् 'कल्योज' राशि ... कहलाती है। ४ प्रश्न-णेरइया णं भंते ! किं कडजुम्मा, तेयोगा, दावरजुम्मा, कलियोगा ४? ४ उत्तर-गोयमा ! जहण्णपए कडजुम्मा, उपकोसपए तेयोगा, अजहण्णुक्कोसपए सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा । एवं जाव थणियकुमारा। ___५ प्रश्न-वणस्सइकाइयाणं पुच्छ । ५ उत्तर-गोयमा ! जहण्णपए अपया, उक्कोसपए य अपया, अजहण्णुक्कोसपए सियकडजुम्मा जाव सिय कलियोगा। ६ प्रश्न-वेईदिया णे पुच्छ । ६ उत्तर-गोयमा ! जहण्णपए कडजुम्मा, उसकोसपए दावरजुम्मा, Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004091
Book TitleBhagvati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages566
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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